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Indian Air Force Day 2025, 93rd Air Force Day: गौरव, उपलब्धियाँ और भविष्य की दिशा

 07 अक्टूबर 2025:✍🏻 Z S Razzaqi | वरिष्ठ पत्रकार   

प्रस्तावना

8 अक्टूबर 2025 का दिन भारतीय इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ता है — भारतीय वायु सेना (Indian Air Force – IAF) के 93वें स्थापना दिवस का उत्सव।
यह दिवस केवल एक सैन्य परंपरा नहीं, बल्कि वीरता, अनुशासन, तकनीकी उत्कृष्टता और देशभक्ति का जीवंत प्रतीक है।
वायु सेना के बहादुर योद्धाओं ने समय-समय पर यह सिद्ध किया है कि वे न केवल आकाश की रक्षा करते हैं, बल्कि देश के हर नागरिक की सुरक्षा और सम्मान की भी ढाल हैं।


स्थापना का इतिहास: उड़ान की शुरुआत

भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को “Royal Indian Air Force” के नाम से हुई थी।
उस समय यह ब्रिटिश शासन के अधीन एक सीमित बल था, परंतु स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 1950 में इसे “Indian Air Force” नाम दिया गया और यह भारत सरकार के नियंत्रण में आ गई।
तब से लेकर आज तक वायु सेना ने न केवल अपने आकार में बल्कि अपनी तकनीकी और रणनीतिक क्षमताओं में भी असाधारण वृद्धि की है।

वर्ष 1933 में छह प्रशिक्षित अधिकारियों और 19 हवाई सैनिकों के साथ आरंभ हुई यह यात्रा आज 1,70,000 से अधिक कर्मियों और 1,500 से अधिक आधुनिक विमानों की ताकत बन चुकी है।


93वाँ स्थापना दिवस 2025: थीम, परेड और प्रदर्शन

इस वर्ष भारतीय वायु सेना का स्थापना दिवस “Operation Sindoor – Precision with Power” की थीम पर मनाया गया, जो भारत की रणनीतिक सटीकता, आधुनिक तकनीक और निर्णायक हवाई शक्ति का प्रतीक है।

मुख्य आकर्षण

  • परेड का आयोजन हिंडन एयरबेस, गाजियाबाद में किया गया, जहाँ वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने परेड का निरीक्षण किया।

  • देशभर से चुने गए स्क्वाड्रन, महिला पायलटों और नए प्रशिक्षु अधिकारियों ने शानदार मार्च-पास्ट और फ्लाय-पास्ट प्रस्तुत किया।

  • इस बार की सबसे विशेष झलक थी MiG-21 की अंतिम भागीदारी — जिसे भारतीय वायु सेना ने पाँच दशकों की शानदार सेवा के बाद सम्मानपूर्वक विदा किया।

  • आसमान में Rafale, Su-30MKI, Mirage-2000, Tejas, C-17 Globemaster, Apache, Chinook और Netra AEW&C विमानों ने गड़गड़ाहट भरी सलामी दी।

  • तिरंगा फॉर्मेशन, वर्टिकल रोल्स और बैलेरिना-शैली की एरोबेटिक टीमों ने दर्शकों का मन मोह लिया।


ऑपरेशन सिंदूर: नई युग की रणनीतिक उड़ान

Operation Sindoor भारतीय वायु सेना की आधुनिक क्षमताओं का प्रतीक बन चुका है।
यह ऑपरेशन भारत की सटीक हवाई रणनीति, नेटवर्क-सेंट्रिक नियंत्रण प्रणाली और तेज़ निर्णय-शक्ति को दर्शाता है।

इस अभियान में वायु सेना ने Integrated Air Command and Control System (IACCS) के माध्यम से रीयल-टाइम डाटा, सैटेलाइट निगरानी और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस-आधारित विश्लेषण का प्रयोग किया।
इससे यह स्पष्ट संदेश गया कि भारतीय वायु सेना अब केवल पारंपरिक शक्ति नहीं रही — वह एक स्मार्ट, तकनीकी और निर्णयकारी वायु शक्ति बन चुकी है।


गौरवशाली विरासत: युद्धों से लेकर मानवीय मिशनों तक

भारतीय वायु सेना का इतिहास वीरता की अनगिनत कहानियों से भरा है —

1. 1947 का युद्ध – जन्म के साथ ही परीक्षा

स्वतंत्रता के तुरंत बाद पाकिस्तान द्वारा कश्मीर पर आक्रमण के समय वायु सेना ने दुर्गम पर्वतीय इलाकों में सैनिकों और रसद पहुँचाकर इतिहास रचा।

2. 1965 और 1971 के युद्ध – निर्णायक हवाई शक्ति

1965 के युद्ध में वायु सेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेसों को निष्क्रिय किया, वहीं 1971 के युद्ध में ढाका पर निर्णायक हवाई दबदबा बनाकर बांग्लादेश के निर्माण में अहम भूमिका निभाई।

3. 1999 का कारगिल युद्ध – ऑपरेशन सफेद सागर

पहली बार ऊँचाई वाले युद्धक्षेत्र में वायु सेना ने मिराज-2000 के सटीक बम प्रहारों से दुश्मन को पीछे हटाया।

4. आपदा राहत अभियान

उत्तराखंड की बाढ़, जम्मू-कश्मीर के भूकंप या नेपाल त्रासदी — हर बार वायु सेना ने समय पर राहत पहुँचाकर मानवता की सेवा की।

5. नए युग की तकनीकी छलाँग

आज वायु सेना Rafale, Tejas, C-17 Globemaster, Chinook, Apache जैसे अत्याधुनिक विमानों से लैस है।
AI, Drone Warfare और Satellite Integration ने इसे दुनिया की शीर्ष पाँच हवाई सेनाओं में शामिल कर दिया है।


महिलाएँ: वायु सेना की नई ऊँचाइयाँ

2025 तक भारतीय वायु सेना में 20 से अधिक महिला फाइटर पायलट सक्रिय हैं।
उन्होंने MiG-21, Sukhoi-30 और Rafale जैसे सुपरसोनिक विमानों को उड़ाकर यह साबित किया है कि साहस और कौशल में कोई लैंगिक सीमाएँ नहीं होतीं।
विंग कमांडर भावना कंठ, फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह जैसी शूरवीर पायलट नई पीढ़ी की प्रेरणा बन चुकी हैं।


आत्मनिर्भर भारत और वायु सेना का भविष्य

प्रधानमंत्री के “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” अभियानों के तहत भारतीय वायु सेना तेज़ी से स्वदेशी तकनीक की ओर बढ़ रही है।

प्रमुख स्वदेशी परियोजनाएँ

  • HAL Tejas Mk-II – चौथी पीढ़ी का हल्का युद्धक विमान

  • AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) – पाँचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर

  • CATS Warrior Drone System – मानव रहित हवाई सहयोग प्रणाली

  • Netra AEW&C Mk-II – देश में निर्मित एयरबोर्न सर्विलांस सिस्टम

  • HTT-40 Trainer Aircraft – पूरी तरह भारतीय प्रशिक्षण विमान

इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से भारत आने वाले वर्षों में अपनी पूरी वायु शक्ति को स्वदेशी तकनीक से लैस करने की दिशा में अग्रसर है।


चुनौतियाँ और अवसर

वर्तमान चुनौतियाँ

  • पुरानी स्क्वाड्रन के स्थान पर नई यूनिटों की तैनाती

  • उच्च रखरखाव लागत और तकनीकी प्रशिक्षण की आवश्यकता

  • पड़ोसी देशों की तेज़ी से बढ़ती सैन्य क्षमताएँ

  • साईबर एवं स्पेस युद्ध के नए खतरे

भविष्य के अवसर

  • 6th-Generation Aircraft प्रौद्योगिकी में प्रवेश

  • Artificial Intelligence, Quantum Communication और Hypersonic Missiles में निवेश

  • भारत-अमेरिका, फ्रांस, रूस, इज़राइल जैसी साझेदारियों से तकनीकी सहयोग

  • युवा कैडेटों के लिए अत्याधुनिक प्रशिक्षण और प्रेरणा कार्यक्रम


निष्कर्ष:-

भारतीय वायु सेना के 93वें स्थापना दिवस पर हम उस बलिदान, अनुशासन और साहस को नमन करते हैं जिसने देश को हर कठिन घड़ी में सुरक्षित रखा।
IAF ने यह सिद्ध कर दिया है कि “Touch the Sky with Glory” सिर्फ एक आदर्श वाक्य नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता का संकल्प है।

आज की भारतीय वायु सेना केवल युद्ध शक्ति नहीं, बल्कि विकास, तकनीक, आत्मनिर्भरता और मानवीय सेवा की प्रतीक बन चुकी है।
भविष्य में भी जब भारत नई ऊँचाइयों की उड़ान भरेगा, तो उसके पंख — भारतीय वायु सेना — ही होंगे जो उसे आकाश की अनंत ऊँचाइयों तक पहुँचाएँगे।
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