28 सितम्बर 2025:कविता शर्मा | पत्रकार
नई दिल्ली, 28 सितंबर 2025 — दिल्ली पुलिस ने रविवार तड़के आगरा से स्वयंभू गॉडमैन और प्रबंधन संस्थान के पूर्व चेयरमैन स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती (62) को गिरफ्तार किया। उन पर 17 छात्राओं से यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ करने के गंभीर आरोप हैं। पुलिस की कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब पहले ही अदालत उनकी जमानत याचिका खारिज कर चुकी है और जांच एजेंसियों ने उनकी ₹8 करोड़ से अधिक की संपत्ति फ्रीज़ कर दी थी।
गिरफ्तारी की पूरी कहानी
दिल्ली पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि सरस्वती आगरा में छिपकर रह रहे हैं। विशेष टीम ने रातभर निगरानी करने के बाद रविवार सुबह उन्हें धर दबोचा। पुलिस के अनुसार, सरस्वती गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार स्थान बदल रहे थे और कई बार पहचान छुपाने की कोशिश भी कर चुके थे।
छात्राओं के साथ मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न
एफआईआर के अनुसार, सरस्वती ने प्रबंधन संस्थान में पढ़ने वाली छात्राओं को देर रात अपने क्वार्टर्स पर बुलाने का दबाव बनाया। इस दौरान वे उन्हें अनुचित छुअन और मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाते थे। इसके अलावा, वे रात के अजीब समय पर अशोभनीय संदेश और कॉल करके छात्राओं को परेशान करते थे।
जांच में सामने आया है कि सरस्वती छात्राओं की गतिविधियों पर लगातार नजर रखते थे और मोबाइल के माध्यम से उनकी लोकेशन ट्रैक करते थे। इस कारण कई छात्राएं गहरे मानसिक तनाव और भय की स्थिति में थीं।
अदालत ने नहीं दी राहत
पिछले सप्ताह अदालत में सरस्वती ने ज़मानत की अर्जी दायर की थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। अदालत ने माना कि मामला अत्यंत गंभीर है और इससे जुड़े सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा
जांच के दौरान पुलिस ने सरस्वती से जुड़े वित्तीय लेन-देन का भी पता लगाया। दिल्ली पुलिस ने बताया कि सरस्वती के नाम पर और उनके करीबी सहयोगियों से जुड़े ₹8 करोड़ रुपये से अधिक की रकम विभिन्न बैंक खातों और फिक्स्ड डिपॉजिट्स में पाई गई है। इन रकम को तत्काल प्रभाव से फ्रीज़ कर दिया गया है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह पैसा कहां से आया और इसका इस्तेमाल किन-किन गतिविधियों में हुआ।
समाज और शिक्षा जगत में आक्रोश
इस मामले ने शिक्षा जगत और अभिभावकों के बीच गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। कई संगठनों ने मांग की है कि ऐसे मामलों में कठोरतम दंड दिया जाए ताकि छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस घटना से साफ है कि संस्थानों में आंतरिक शिकायत तंत्र और निगरानी व्यवस्था को और मज़बूत बनाने की आवश्यकता है।
पुलिस की आगे की रणनीति
दिल्ली पुलिस सरस्वती से गहन पूछताछ की तैयारी कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ में यह भी सामने आ सकता है कि क्या इस पूरे मामले में संस्थान के अन्य कर्मचारियों या सहयोगियों की भी संलिप्तता रही है। साथ ही, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या सरस्वती के खिलाफ पहले भी यौन उत्पीड़न की शिकायतें दबी रह गई थीं।
निष्कर्ष:-
चैतन्यानंद सरस्वती की गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि किस प्रकार कुछ कथित गॉडमैन धार्मिक और शैक्षणिक आवरण का दुरुपयोग करके न केवल अपनी सत्ता बनाए रखते हैं, बल्कि निर्दोष युवतियों का जीवन भी बर्बाद करते हैं। यह मामला इस बात की सख्त याद दिलाता है कि महिला सुरक्षा, शिक्षा संस्थानों की पारदर्शिता और कथित धार्मिक गुरुओं पर निगरानी को और सख्त करने की आवश्यकता है।
