Type Here to Get Search Results !

ADS5

ADS2

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर 'मैच फिक्सिंग' का आरोप: राहुल गांधी के पांच बड़े सवाल और चुनाव आयोग-बीजेपी की प्रतिक्रिया

✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार


नई दिल्ली/मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों को लेकर कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को झकझोर देने वाले गंभीर आरोप लगाए हैं। राहुल गांधी ने इस चुनाव को "मैच फिक्सिंग" करार देते हुए भारतीय लोकतंत्र की निष्पक्षता और चुनाव आयोग की साख पर सवाल खड़े किए हैं।

राहुल गांधी का यह तीखा हमला सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि एक विस्तृत, आंकड़ों और तथ्यों पर आधारित गंभीर विश्लेषण है, जिसे उन्होंने देश के प्रमुख समाचार पत्रों – इंडियन एक्सप्रेस और लोकसत्ता – में लेख के रूप में प्रकाशित किया है। उन्होंने पांच ठोस बिंदुओं पर आधारित आरोप लगाए हैं, जो चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गहरे प्रश्नचिन्ह लगाते हैं।



1. चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल

राहुल गांधी ने सबसे पहले चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया को ही कठघरे में खड़ा किया।
उन्होंने कहा, "चुनाव आयुक्त नियुक्ति अधिनियम, 2023 के तहत प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बहुमत के आधार पर चुनाव आयुक्त चुनने की खुली छूट मिल गई है, जिससे विपक्ष की भूमिका लगभग समाप्त हो गई है।"
उन्होंने यह भी पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के स्थान पर एक कैबिनेट मंत्री को इस समिति में क्यों रखा गया?

यह सवाल सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और संविधानिक संरचना पर भी एक गहरा प्रश्न है।


2. मतदाता सूची में फर्जीवाड़े का आरोप

राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि:

  • 2019 में मतदाता संख्या: 8.98 करोड़

  • 2024 लोकसभा में: 9.29 करोड़

  • 2024 विधानसभा में: 9.70 करोड़

उन्होंने पूछा, "पांच साल में सिर्फ 31 लाख मतदाता बढ़े, लेकिन महज पांच महीने में 41 लाख और कैसे बढ़ गए?"
यह आंकड़ा न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि प्रशासनिक स्तर पर मतदाता पंजीकरण में गंभीर चूक या हेराफेरी की आशंका को जन्म देता है।


3. मतदान प्रतिशत में असामान्य वृद्धि

राहुल गांधी का तीसरा आरोप सबसे अधिक तकनीकी और विस्फोटक है।
उन्होंने कहा कि:

  • शाम 5 बजे तक मतदान प्रतिशत: 58.22%

  • अगले दिन घोषित प्रतिशत: 66.05%

इसमें करीब 76 लाख मतों की वृद्धि दर्ज हुई।
उन्होंने सवाल उठाया, "क्या ये सभी वोट रातोंरात आ गए? इनकी सत्यता की जांच क्यों नहीं हुई?"


4. ‘सेंलेक्टिव’ फर्जी मतदान और सीटों का विश्लेषण

राहुल गांधी ने विशेष रूप से कामठी विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए दावा किया कि बीजेपी को यहां 56 हजार अतिरिक्त वोट मिले, जबकि नए मतदाता सिर्फ 35 हजार ही जुड़े थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि:

  • जिन 85 निर्वाचन क्षेत्रों में बीजेपी का लोकसभा प्रदर्शन कमजोर था, उन्हीं जगहों पर मतदान प्रतिशत असामान्य रूप से बढ़ा।

  • इन क्षेत्रों में ही भाजपा को विधानसभा में अप्रत्याशित बढ़त मिली।

इस आधार पर उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी मतदान ‘टारगेटेड’ और ‘प्री-प्लान्ड’ था।


5. चुनाव आयोग की चुप्पी और ‘सीसीटीवी रोक’

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने:

  • फोटो वाली मतदाता सूची देने से इनकार कर दिया।

  • हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मतदान की वीडियोग्राफी सार्वजनिक नहीं की।

  • आचार संहिता की धारा 93 (2) (ए) में संशोधन कर सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को रोक दिया।

उन्होंने इसे एक ‘सुनियोजित प्रयास’ बताया ताकि किसी भी किस्म के फर्जीवाड़े का कोई डिजिटल सबूत न मिले।


चुनाव आयोग की तीखी प्रतिक्रिया

राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने तत्काल प्रतिक्रिया दी और उन्हें "निराधार और दुर्भावनापूर्ण" बताया।
आयोग ने कहा:

"यह लोकतंत्र की जड़ों पर हमला है। मतदाता सूची और मतदान प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही है। कांग्रेस को 24 दिसंबर 2024 को ही विस्तृत उत्तर दे दिया गया था, जो आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। बार-बार इन्हीं बिंदुओं को दोहराना एक राजनीतिक नौटंकी है।"

चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि:

"गलत सूचनाओं से न केवल आयोग को बदनाम किया जा रहा है, बल्कि लाखों चुनाव अधिकारियों का मनोबल भी गिराया जा रहा है।"


बीजेपी का जवाब: 'जनता का फैसला और कांग्रेस की हताशा'

महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, जिनका नाम कामठी विधानसभा क्षेत्र में राहुल गांधी ने लिया है, ने पलटवार करते हुए कहा:

"कांग्रेस को आत्मचिंतन करना चाहिए। लोकसभा में उन्हें 31 सीटें मिलीं, जबकि हमें सिर्फ 17। पर विधानसभा में हमारी गठबंधन ने 3.17 करोड़ वोट लिए और कांग्रेस महाविकास अघाड़ी सिर्फ 2.17 करोड़ पर सिमट गई।"

उन्होंने राहुल गांधी पर "जनता के फैसले का अपमान" करने का आरोप लगाया और कहा कि बार-बार झूठ बोलकर "जनादेश को कलंकित" किया जा रहा है।


कांग्रेस का पलटवार: लोकतंत्र खतरे में

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर राहुल गांधी का लेख साझा करते हुए लिखा:

"यह चुनाव नहीं, एक सुनियोजित लूट थी। जिस तरह चुनाव आयोग चुप है और बीजेपी जवाब दे रही है, वह संदेह को पुष्ट करता है।"

उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मांग की कि:

  • मतदाता सूची सार्वजनिक की जाए।

  • फर्जी मतदान की जांच हो।

  • मतदान प्रतिशत में अचानक वृद्धि की वजह सामने लाई जाए।


निष्कर्ष: सवाल राजनीति से आगे का है

राहुल गांधी के ये आरोप सिर्फ किसी हार की हताशा में दिए गए बयान नहीं हैं। यह एक संविधानिक चेतावनी है जो भारत के लोकतंत्र के स्वास्थ्य को लेकर दी जा रही है।
चुनाव आयोग और सत्तारूढ़ दल के जवाब इन आरोपों को दबाने की कोशिश जरूर कर सकते हैं, लेकिन अब जब ये आरोप जनता के सामने तथ्यों के साथ रखे गए हैं, तो जांच और पारदर्शिता की मांग को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

अगर भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, तो उसे विश्वसनीयता, पारदर्शिता और जवाबदेही के उस उच्चतम मानक पर खरा उतरना होगा, जिसकी वह स्वयं दुहाई देता है।

ये भी पढ़े 

2 -प्रीमियम डोमेन सेल -लिस्टिंग



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

ADS3

ADS4