नई दिल्ली, 5 मई 2025:
सुप्रीम कोर्ट में आज वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की तीन सदस्यीय पीठ ने इस अहम मुद्दे पर प्रारंभिक टिप्पणियाँ देते हुए कहा कि वे इस स्तर पर कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं करेंगे और मामले को न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अगली सुनवाई के लिए बुधवार या गुरुवार को सूचीबद्ध करेंगे।
क्या है वक्फ संशोधन अधिनियम 2025?
वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करते हुए केंद्र सरकार ने नया अधिनियम पारित किया है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों — यानी इस्लामी धर्म और समाज सेवा के लिए समर्पित संपत्तियों — के प्रबंधन और उपयोग को नियंत्रित करना है।
हालांकि, इस संशोधन को लेकर देशभर में विरोध शुरू हो गया है और कई याचिकाकर्ताओं ने इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों में हस्तक्षेप और धार्मिक मामलों में भेदभावपूर्ण हस्तक्षेप करार देते हुए चुनौती दी है।
कौन-कौन हैं याचिकाकर्ता और विरोधकर्ता?
अब तक कई याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट फिलहाल केवल पांच याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगा।
दिलचस्प बात यह है कि न केवल मुस्लिम संगठन बल्कि एक केरल स्थित हिंदू संगठन — श्री नारायण मानव धर्मम ट्रस्ट — ने भी इस अधिनियम का विरोध करते हुए कोर्ट में दलील दी है कि यह क़ानून मुस्लिम समुदाय के अस्तित्व को ही खतरे में डाल सकता है।
वहीं, छह भाजपा शासित राज्यों ने संशोधन का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा है। केंद्र सरकार ने भी जवाबी हलफनामे में दलील दी कि यह संशोधन जरूरी था क्योंकि वक्फ की पुरानी व्यवस्था का दुरुपयोग कर सरकारी और निजी ज़मीनों पर अवैध कब्जा किया जा रहा था।
कोर्ट में क्या हुआ आज?
दोपहर 2:04 बजे बेंच का गठन हुआ।
CJI संजीव खन्ना ने कहा – “हमने सभी पक्षों के जवाब और प्रत्युत्तर देखे हैं। पंजीकरण और आँकड़ों को लेकर कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए गए हैं, जिनका निपटारा ज़रूरी है।”
उन्होंने आगे कहा —
“मैं इस स्तर पर कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं करूंगा। यह मामला किसी अन्य तर्कसंगत दिन पर सुना जाएगा। मेरी अध्यक्षता में अब यह नहीं सुना जाएगा। इसे न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ के समक्ष बुधवार या गुरुवार को सूचीबद्ध किया जाए।”
इस दौरान, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा —
“हम आपके समक्ष अपनी बात पूरी तरह से रखने को तैयार थे, लेकिन अब आपको संन्यास लेना है, इसलिए हम आपको असुविधा नहीं देना चाहते।”
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने व्यंग्य करते हुए कहा —
“बिलकुल, इनके पास हर सवाल का जवाब है।”
CJI ने मुस्कुराते हुए कहा —
“मुझे इस रिटायरमेंट का इंतज़ार है।”
ज्ञात हो कि CJI संजीव खन्ना 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, और उनके बाद न्यायमूर्ति बीआर गवई देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे।
आगे क्या?
अगली सुनवाई 8 या 9 मई को न्यायमूर्ति गवई की अध्यक्षता में होगी। कोर्ट इस दौरान यह तय करेगा कि अंतरिम आदेश पारित किया जाए या नहीं और अंतिम सुनवाई की प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी।