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अमेरिका में भारतीय छात्रों का वीज़ा संकट: 327 में 50% भारतीय छात्रों का वीज़ा रद्द, AILA रिपोर्ट में चौकाने वाले खुलासे

 नई दिल्ली | 19 अप्रैल 2025

अमेरिका में भारतीय छात्रों के लिए हालात चिंता बढ़ाने वाले होते जा रहे हैं। अमेरिकी इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) द्वारा जारी नवीनतम पॉलिसी ब्रीफ़ के अनुसार, हाल ही में अमेरिका में 327 अंतरराष्ट्रीय छात्रों के स्टूडेंट वीज़ा रद्द किए गए हैं या उनके Student and Exchange Visitor Information System (SEVIS) रिकॉर्ड समाप्त कर दिए गए हैं। इन मामलों में सबसे बड़ी संख्या भारतीय छात्रों की है, जो कुल मामलों का 50 प्रतिशत है।

2023-24 में भारतीय छात्र सबसे बड़ी संख्या में

Open Doors डेटा के अनुसार, वर्ष 2023-24 में अमेरिका में कुल 11,26,690 अंतरराष्ट्रीय छात्र पंजीकृत थे, जिनमें से 3,31,602 छात्र भारत से थे। यह संख्या कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों का 29 प्रतिशत है। इसके बाद चीन से 2.77 लाख छात्र अमेरिका में अध्ययनरत थे।

OPT पर सबसे अधिक असर

AILA की रिपोर्ट बताती है कि वीज़ा रद्द किए गए 327 छात्रों में से 50 प्रतिशत छात्र OPT (Optional Practical Training) पर थे। OPT कार्यक्रम के अंतर्गत, अमेरिका में पढ़ाई पूरी करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र एक वर्ष तक काम कर सकते हैं और STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) क्षेत्र के छात्र अतिरिक्त 24 माह तक OPT का विस्तार ले सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि SEVIS रिकॉर्ड समाप्त होने के बाद OPT पर रह रहे छात्रों के लिए नौकरी जारी रखना असंभव हो जाता है और उनका स्टेटस बहाल करना भी बेहद जटिल और अनिश्चित प्रक्रिया बन जाती है।

2023-24 में भारतीय छात्रों की बात करें तो, कुल भारतीय छात्रों में से लगभग 97,556 छात्र (29%) OPT पर थे। इनमें से 65% छात्रों के वीज़ा रद्द किए जाने की कार्यवाही OPT अवधि के दौरान ही हुई।

पुलिस इंटरेक्शन के मामूली कारण बने आधार

AILA की रिपोर्ट के अनुसार, वीज़ा रद्द किए गए भारतीय छात्रों में से 87% छात्रों का किसी न किसी रूप में स्थानीय पुलिस से संपर्क हुआ था। इनमें से:

  • 23% को मामूली टिकट या मिसडेमीनर (हल्का अपराध) मिला था

  • 34% के खिलाफ कोई आरोप तय नहीं हुआ, न मुकदमा चला और न ही सज़ा हुई।

अधिकांश मामलों में आरोप बेहद सामान्य और दैनिक जीवन की घटनाओं जैसे रहे:

  • स्पीडिंग टिकट (उदाहरण: 65 mph ज़ोन में 70 mph की रफ्तार)

  • ड्राइविंग लाइसेंस न होना या सस्पेंड लाइसेंस पर गाड़ी चलाना

  • नशे में ड्राइविंग या कॉलेज पार्टी में अवैध शराब पीना

  • दुकान में सेल्फ चेकआउट पर सामान स्कैन किए बिना गलती से निकाल लेना

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इनमें से सिर्फ दो छात्रों ने कभी किसी राजनीतिक प्रदर्शन में भाग लिया था।

SEVIS रिकॉर्ड समाप्ति का असंगत रवैया

SEVIS एक अमेरिकी सरकारी डेटाबेस है जिसे Department of Homeland Security संचालित करता है। SEVIS रिकॉर्ड समाप्त होने का मतलब है कि संबंधित छात्र का F या M वीज़ा स्टेटस समाप्त हो गया है। इससे छात्र की नौकरी का अधिकार समाप्त हो जाता है और वह अमेरिका में दोबारा उसी वीज़ा पर प्रवेश नहीं कर सकता।

AILA ने यह भी उल्लेख किया कि SEVIS रिकॉर्ड समाप्त करने के निर्णयों में असंगति रही है। 83% मामलों में विश्वविद्यालय द्वारा नोटिस जारी किया गया, जबकि केवल 14% मामलों में ICE (Immigration and Customs Enforcement) द्वारा नोटिस भेजा गया।

भारत सरकार की प्रतिक्रिया

इस गंभीर घटनाक्रम पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए कहा है कि वे इस मामले को गंभीरता से देख रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में कहा,

“हमें जानकारी है कि अमेरिका सरकार द्वारा कई भारतीय छात्रों को उनके F-1 वीज़ा स्टेटस के बारे में सूचित किया गया है। इस मामले की हमारी ओर से निगरानी की जा रही है। वॉशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास और अमेरिका में भारतीय कांसुलेट्स प्रभावित छात्रों के साथ संपर्क में हैं और उन्हें हरसंभव सहायता दी जा रही है।”

राजनीतिक प्रतिक्रिया

AILA की इस रिपोर्ट को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी अपने सोशल मीडिया पोस्ट में साझा करते हुए चिंता जताई। उन्होंने लिखा:

“अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन द्वारा जारी प्रेस बयान भारतीय छात्रों के लिए चिंता का विषय है। 327 अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 50% भारतीय हैं। वीज़ा रद्दीकरण के कारण असंगत और अस्पष्ट हैं। इससे छात्रों में डर और आशंका लगातार बढ़ रही है। क्या विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर इस मामले को संज्ञान में लेंगे और अमेरिकी समकक्ष से इस मुद्दे को उठाएंगे?”

निष्कर्ष

AILA की रिपोर्ट अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए एक चिंताजनक संकेत है। रिपोर्ट के अनुसार, असंगत, अस्पष्ट और कई बार मामूली घटनाओं के चलते छात्रों का स्टेटस खत्म किया गया। इससे न केवल छात्रों का करियर और भविष्य दांव पर लगा है, बल्कि OPT पर रह रहे भारतीय छात्रों की आर्थिक और मानसिक स्थिति भी प्रभावित हो रही है। भारत सरकार की सक्रियता और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संवाद इस संकट के समाधान में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।

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