संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा सिविल सेवा परीक्षा 2024 के परिणाम मंगलवार को घोषित किए गए, जिसने प्रयागराज के दुबे परिवार के लिए भावनात्मक उतार-चढ़ाव से भरा दिन बना दिया। इस परीक्षा में प्रयागराज की रहने वाली शक्ति दुबे ने पहला स्थान हासिल कर इतिहास रच दिया, जबकि उनकी जुड़वां बहन प्रगति दुबे चयनित उम्मीदवारों की सूची में जगह नहीं बना सकीं।
पांचवें प्रयास में सफलता, सात वर्षों की तैयारी
शक्ति दुबे, जो इलाहाबाद विश्वविद्यालय से B.Sc. में स्वर्ण पदक विजेता हैं और BHU से M.Sc. में भी स्वर्ण पदक प्राप्त कर चुकी हैं, ने यह सफलता अपने पाँचवें प्रयास में हासिल की। उनके पिता देवेंद्र दुबे उत्तर प्रदेश पुलिस में उप-निरीक्षक हैं। शक्ति ने कहा कि उनके माता-पिता और शिक्षकों का समर्थन उनकी इस उपलब्धि के पीछे सबसे बड़ा कारण रहा।
"बचपन से ही माता-पिता ने पढ़ाई के लिए प्रेरित किया और शिक्षकों ने हर असफल प्रयास के बाद भी मेरा हौसला बनाए रखा," शक्ति ने मीडिया से कहा।
प्रेरणा बनी पिता की वर्दी
शक्ति ने एक पूर्व मॉक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने अपने पिता की सरकारी सेवा में कार्य प्रणाली को देखकर सिविल सेवा में आने का सपना देखा। उन्होंने कहा, "पुलिस की गाड़ी की उपस्थिति से लोगों में जो सुरक्षा का भाव आता है, वह मेरे मन को छू गया। इससे मुझे समझ में आया कि छोटी-सी शक्ति भी किसी के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है।"
परिवार की भावनाएँ: एक की जीत, दूसरी की चुनौती
जब एक बहन देशभर में प्रथम स्थान हासिल करती है और दूसरी, जो साथ-साथ तैयारी कर रही थी, असफल हो जाती है—तो यह क्षण केवल उत्सव का नहीं, बल्कि संवेदनाओं का भी होता है। पिता देवेंद्र दुबे ने कहा, "हमारी प्रगति ने भी पूरी मेहनत से तैयारी की थी। वह निराश नहीं है और अगली बार के लिए तैयारी जारी रखेगी।"
UPSC 2024 के आंकड़े और टॉपर्स
UPSC के अनुसार इस वर्ष कुल 1,009 उम्मीदवारों को विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए अनुशंसित किया गया है। इनमें 284 महिलाएँ और 725 पुरुष शामिल हैं। शीर्ष पाँच में तीन महिलाएँ और दो पुरुष हैं:
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1st: शक्ति दुबे (Political Science and International Relations)
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2nd: हर्षिता गोयल (B.Com, MS University of Baroda)
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3rd: आर्चित पाराग (B.Tech, VIT, Philosophy optional)
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5th: आकाश गर्ग (B.Tech, GGSIPU, Delhi)
आयोग द्वारा जारी आँकड़े
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प्रारंभिक परीक्षा: 16 जून 2024
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कुल आवेदन: 9,92,599
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उपस्थित अभ्यर्थी: 5,83,213
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मुख्य परीक्षा के लिए चयनित: 14,627
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साक्षात्कार के लिए योग्य: 2,845
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अंतिम चयनित: 1,009
इनमें से 45 उम्मीदवार विशेष रूप से सक्षम वर्ग से हैं, जिनमें शारीरिक विकलांग, दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित और बहु-विकलांगता वाले अभ्यर्थी शामिल हैं।