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भारत में एक बार फिर UPI सेवा बाधित — 30 दिनों में तीसरी बड़ी तकनीकी गड़बड़ी, उपयोगकर्ताओं में नाराजगी


नई दिल्ली, 12 अप्रैल 2025।
भारत में आज सुबह एक बार फिर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सेवाओं में बड़ी तकनीकी खराबी देखने को मिली। इस खामी के चलते देशभर में लाखों उपयोगकर्ता Google Pay, PhonePe, Paytm सहित कई अग्रणी डिजिटल भुगतान एप्लिकेशनों के माध्यम से लेनदेन करने में असमर्थ रहे। यह समस्या बीते 30 दिनों में तीसरी बार सामने आई है, जिसने उपयोगकर्ताओं और कारोबारियों — दोनों के लिए भारी असुविधा खड़ी कर दी है।

UPI — भारत की त्वरित भुगतान प्रणाली

यूपीआई, जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है, भारत में सबसे लोकप्रिय और त्वरित डिजिटल भुगतान प्रणालियों में से एक है। यह वास्तविक समय में बैंक-टू-बैंक फंड ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करता है और वर्तमान में देश में 65 प्रतिशत से अधिक डिजिटल लेनदेन इसी के माध्यम से होते हैं।

कितने उपयोगकर्ता हुए प्रभावित?

तकनीकी खामी की जानकारी देने वाले प्लेटफ़ॉर्म DownDetector के अनुसार, 12 अप्रैल को दोपहर 12:56 बजे तक 2,147 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से लगभग 80% उपयोगकर्ताओं ने पेमेंट न हो पाने की शिकायत की। इससे पहले दिन में 1,168 शिकायतें दर्ज हो चुकी थीं, जो उपयोगकर्ताओं की बढ़ती नाराजगी को दर्शाती हैं।

प्रमुख बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर प्रभाव

इस सेवा व्यवधान का असर देश की प्रमुख बैंकों की सेवाओं पर भी पड़ा, जिनमें HDFC बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा, और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं। कई लेनदेन अधूरे रह गए या असफल हो गए, जिससे व्यक्तिगत उपभोक्ताओं और व्यापारिक प्रतिष्ठानों दोनों को आर्थिक गतिविधियों में असुविधा झेलनी पड़ी।

NPCI की नई अंतरराष्ट्रीय UPI नीति

इस सप्ताह की शुरुआत में, NPCI ने अंतरराष्ट्रीय UPI ट्रांजेक्शंस को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की थी। 8 अप्रैल 2025 से भारत के बाहर क्यूआर कोड के माध्यम से किए गए भुगतानों पर पाबंदी लगाई गई है, ताकि भुगतानकर्ता की पहचान को बेहतर बनाया जा सके। हालांकि, भारत के भीतर क्यूआर-कोड आधारित भुगतान पहले की तरह निर्बाध जारी रहेंगे।

हाल के UPI आउटेज का संक्षिप्त ब्यौरा

  • 26 मार्च 2025: देशभर में व्यापक UPI आउटेज, हजारों उपयोगकर्ताओं को भुगतना पड़ा असुविधा। NPCI ने तकनीकी खामी स्वीकार करते हुए कहा —
    "NPCI को कुछ तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसके चलते UPI आंशिक रूप से बाधित रहा। अब समस्या का समाधान कर लिया गया है और सेवाएं स्थिर हैं। असुविधा के लिए खेद है।"

  • 2 अप्रैल 2025: एक बार फिर UPI सेवा कुछ देर के लिए बंद रही, जिससे उपयोगकर्ताओं की चिंता और बढ़ी।

UPI का भारत में दबदबा

डिजिटल भुगतान कंपनी Phi Commerce की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में देश के कुल डिजिटल लेनदेन में से 65 प्रतिशत हिस्सेदारी केवल UPI की रही। वहीं, क्रेडिट कार्ड और EMI (समान मासिक किस्त) विकल्प बड़े और उच्च मूल्य वाले भुगतानों में प्रमुखता से उपयोग किए जा रहे हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि त्योहारों, स्कूल दाखिले और सीजनल ट्रेंड्स के दौरान क्रेडिट उपयोग में बढ़ोतरी देखी जाती है, जो दर्शाता है कि उच्च खर्च वाले अवसरों पर उपभोक्ता अल्पकालिक ऋण का सहारा लेना पसंद कर रहे हैं। यह आंकड़े देशभर के 20,000 से अधिक मर्चेंट्स के लेनदेन डेटा के विश्लेषण पर आधारित हैं।

उपभोक्ताओं की बढ़ती नाराजगी

लगातार तीसरी बार UPI सेवाओं में आई इस खामी ने उपभोक्ताओं की नाराजगी को और बढ़ा दिया है। रोज़ाना छोटे-मोटे लेनदेन से लेकर कारोबार में भारी भुगतान तक अब UPI एक अनिवार्य माध्यम बन चुका है। ऐसे में बार-बार आ रही तकनीकी समस्याएं डिजिटल इंडिया के भरोसे पर सवाल खड़े कर रही हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि NPCI और अन्य संबंधित संस्थानों को तत्काल प्रभाव से बुनियादी ढांचे को और सुदृढ़ बनाकर ऐसी समस्याओं को रोकना चाहिए, ताकि देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था का सहज संचालन बना रहे।

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