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पाकिस्तान पर असदुद्दीन ओवैसी का करारा हमला: "आपकी अर्थव्यवस्था हमारी सेना के बजट के बराबर भी नहीं"

 पहलगाम आतंकी हमले को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह भारत से "आधे घंटे नहीं, बल्कि आधी सदी पीछे" है। साथ ही, ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाकिस्तान को आर्थिक रूप से कमजोर करने की अपील की।


पहलगाम आतंकी हमले पर ओवैसी का तीखा प्रहार

महाराष्ट्र के परभणी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान का कुल वार्षिक बजट भी भारत के सैन्य बजट (Military Budget) के बराबर नहीं है। उन्होंने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के दावों पर कटाक्ष करते हुए कहा,

"आप चाहे जितने भी परमाणु बम की धमकियाँ दें, यदि आप निर्दोषों की हत्या करते हैं तो दुनिया मूकदर्शक नहीं बनी रहेगी।"

ओवैसी ने कहा कि आतंकियों ने पहलगाम में हमला करने से पहले पर्यटकों से उनके धर्म के बारे में पूछा, जो उनके चरमपंथी और विभाजनकारी मानसिकता को उजागर करता है। उन्होंने आतंकियों की तुलना ख़ारिजी (Khawarij) से करते हुए कहा कि वे आईएसआईएस (ISIS) के उत्तराधिकारी की तरह व्यवहार कर रहे हैं।

पाकिस्तान की आतंकी साजिशों पर गंभीर आरोप

असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ लगातार आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि

"पाकिस्तान कई वर्षों से भारत को अस्थिर करने के लिए आतंकियों को प्रशिक्षित कर रहा है।"

ओवैसी ने इस दौरान अंतरराष्ट्रीय कानून का हवाला देते हुए कहा कि भारत के पास अधिकार है कि वह पाकिस्तान की वायुसेना को ब्लॉक करे और एथिकल हैकर्स (Ethical Hackers) के माध्यम से उनके इंटरनेट नेटवर्क को बाधित कर सके।

प्रधानमंत्री मोदी से सख्त कदम उठाने की मांग

ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि वे पाकिस्तान को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए प्रभावी और आक्रामक रणनीतियाँ अपनाएँ।
उन्होंने कहा,

"अगर पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है, तो उसकी आर्थिक रीढ़ तोड़ना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।"

कश्मीरियों पर संदेह करने वालों को ओवैसी का जवाब

कुछ टीवी एंकरों द्वारा कश्मीरियों को निशाना बनाने की प्रवृत्ति पर भी ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,

"अगर कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, तो कश्मीरी भी भारत के अभिन्न नागरिक हैं। उन पर संदेह करना शर्मनाक है।"

उन्होंने उदाहरण दिया कि पहलगाम हमले में एक कश्मीरी नागरिक ने आतंकियों से लड़ते हुए अपनी जान दी, और एक अन्य कश्मीरी ने घायल बच्चे को अपनी पीठ पर उठाकर 40 मिनट तक पैदल चलकर उसे अस्पताल पहुँचाया।

वक्फ संशोधन अधिनियम पर देशव्यापी विरोध की अपील

ओवैसी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम का भी पुरजोर विरोध किया। उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) द्वारा घोषित विरोध कार्यक्रमों में भाग लेने की अपील की। विशेष रूप से, उन्होंने 30 अप्रैल को ‘बत्ती गुल आंदोलन’ के तहत रात में लाइट बंद कर विरोध दर्ज कराने का आह्वान किया।

विपक्षी नेताओं पर भी तीखा हमला

अपने भाषण में ओवैसी ने अजित पवार, नितीश कुमार, जयंत चौधरी और चंद्रबाबू नायडू पर भी करारा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि इन नेताओं ने वक्फ संशोधन बिल का समर्थन कर मुसलमानों और धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के लोगों के साथ विश्वासघात किया है।

विशेष रूप से बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को लेकर ओवैसी ने कहा,

"नितीश कुमार ने फिर एक बार पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है।"

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर टिप्पणी करते हुए ओवैसी ने कहा कि

"बिल का समर्थन कर उन्होंने अपने बेटे के राजनीतिक भविष्य को खतरे में डाल दिया है।"


निष्कर्ष:-

असदुद्दीन ओवैसी का यह भाषण स्पष्ट संकेत देता है कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत को केवल कूटनीतिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी आक्रामक रुख अपनाना चाहिए। साथ ही, आंतरिक स्तर पर कश्मीरियों को सम्मान और विश्वास देना भी देश की एकता और अखंडता के लिए अनिवार्य है।
ओवैसी का रुख इस ओर भी इशारा करता है कि वक्फ जैसी संस्थाओं पर सरकारी नियंत्रण को लेकर मुस्लिम समुदाय में गहरा असंतोष है, जो आगामी समय में देश की राजनीतिक बहस का एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।

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