डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से वैश्विक बाजारों में भारी उथल-पुथल मच गई है। अरबपतियों की कुल संपत्ति में 208 अरब डॉलर की भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे एलन मस्क, जेफ बेजोस, मार्क जुकरबर्ग और बर्नार्ड अर्नाल्ट जैसे दिग्गज नुकसान में आ गए। लेकिन, इस वित्तीय भूचाल के बीच भी वॉरेन बफेट ने मजबूती दिखाई और उनकी साल-दर-साल (YTD) संपत्ति अभी भी फायदे में बनी हुई है।
ट्रंप की व्यापारिक नीतियों का असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को 'लिबरेशन डे' पर भारी टैरिफ की घोषणा की, जिससे वॉल स्ट्रीट पर 2.5 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति मिट गई। इस फैसले का असर वैश्विक स्तर पर पड़ा और कई अरबपतियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। यह एक दिन में हुआ सबसे बड़ा नुकसान था, जो 2020 के COVID-19 क्रैश के बाद सबसे अधिक दर्ज किया गया।
ट्रंप ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “ऑपरेशन खत्म हो गया है। मरीज जीवित है और स्वस्थ हो रहा है।” उन्होंने अमेरिकियों को आश्वस्त किया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था पहले से ज्यादा मजबूत होगी और बाजार फिर से तेजी पकड़ेगा।
सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले अरबपति
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मार्क जुकरबर्ग (Meta CEO) – फेसबुक के सीईओ की कुल संपत्ति 189 अरब डॉलर है, लेकिन 9% शेयर गिरने के कारण उन्हें 17.9 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा।
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जेफ बेजोस (Amazon Founder) – अमेज़न के संस्थापक की कुल संपत्ति 201 अरब डॉलर थी, लेकिन कंपनी के शेयरों में 9% गिरावट के कारण उन्हें 15.9 अरब डॉलर का झटका लगा।
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एलन मस्क (Tesla, SpaceX) – एलन मस्क की संपत्ति में 11 अरब डॉलर की कमी आई, जिससे उनका YTD नुकसान 110 अरब डॉलर हो गया। टेस्ला के खिलाफ कई लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और उनकी गाड़ियों पर “मैंने यह तब खरीदी थी जब एलन पागल नहीं थे” जैसे स्टिकर लगाए।
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बर्नार्ड अर्नाल्ट (LVMH) – यूरोपियन यूनियन से आयात पर 20% शुल्क लगाने के कारण बर्नार्ड अर्नाल्ट की कंपनी LVMH के शेयर पेरिस में गिर गए और उनकी संपत्ति में 6 अरब डॉलर की गिरावट आई।
वॉरेन बफेट: तूफान में भी अडिग
जब अधिकांश अरबपति नुकसान झेल रहे थे, तब वॉरेन बफेट ने अपनी वित्तीय समझदारी से इस गिरावट का सामना किया। Bloomberg Billionaires Index के अनुसार, उन्होंने 2.57 अरब डॉलर का नुकसान तो उठाया, लेकिन उनकी YTD संपत्ति अब भी 23.4 अरब डॉलर के फायदे में है।
“ओमाहा के ओरेकल” कहे जाने वाले बफेट ने हमेशा दीर्घकालिक निवेश और कंपनी की मौलिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, “अगर कोई व्यवसाय अच्छा करता है, तो उसका स्टॉक भी अंततः अच्छा करेगा।” उनका मानना है कि सूझबूझ से लिए गए निर्णय और बाजार में धैर्य बनाए रखना ही असली सफलता की कुंजी है।
ट्रंप का टैरिफ हमला: कोई देश नहीं बचा
डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी दुनिया के खिलाफ कम से कम 10% शुल्क लगा दिया है, जिसमें यहां तक कि निर्जन द्वीप 'हीर्ड आइलैंड' और 'मैकडोनाल्ड आइलैंड्स' भी शामिल हैं। भारत पर 26% शुल्क लगाने के बावजूद ट्रंप ने प्रधानमंत्री को अपना “अच्छा मित्र” बताया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री अभी-अभी गए हैं, वे मेरे अच्छे दोस्त हैं। लेकिन मैंने उनसे कहा कि आपने हमें वर्षों से सही से ट्रीट नहीं किया।”
चीन पर 34% और यूरोपियन यूनियन पर 20% शुल्क लगाने के अलावा, ट्रंप ने सभी देशों से आयात पर 10% टैक्स भी लागू कर दिया है।
निष्कर्ष:-
ट्रंप की नीतियों से वैश्विक बाजारों में भारी हलचल मची हुई है। एक दिन में अरबपतियों की 208 अरब डॉलर की संपत्ति डूब गई, लेकिन वॉरेन बफेट अपनी निवेश रणनीति और बाजार के उतार-चढ़ाव को समझने की काबिलियत से इस झटके से बच निकले। यह घटना निवेशकों को यह सीख देती है कि अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से घबराने के बजाय दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना ही सफलता की कुंजी है।
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