व्हाइट हाउस में ट्रंप-ज़ेलेंस्की बैठक के बाद भू-राजनीतिक तनाव चरम पर, यूरोपीय सहयोगी और कनाडा ज़ेलेंस्की के समर्थन में आए
नई दिल्ली, 1 मार्च 2025 (IST) – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में हुई बैठक के दौरान बेहद तनावपूर्ण क्षण देखने को मिले। ट्रंप ने ज़ेलेंस्की पर आक्रामक रुख अपनाते हुए उन्हें अमेरिका की सहायता के प्रति "अकृतज्ञ" (ungrateful) बताया और कहा कि "आपके पास अभी कोई विकल्प नहीं हैं, आपको समझौता करना होगा, नहीं तो हम बाहर हो जाएंगे।"
इस बैठक के बाद कनाडा, ब्रिटेन और यूरोपीय देशों ने एकजुट होकर यूक्रेन के समर्थन में बयान जारी किए, जबकि रूस ने इसे अपनी कूटनीतिक जीत बताया।
व्हाइट हाउस में तीखी नोकझोंक, ट्रंप की चेतावनी
व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच हुई इस बैठक के दौरान मीडिया कर्मी स्तब्ध रह गए। ट्रंप ने यूक्रेन पर अमेरिका की मदद को हल्के में लेने का आरोप लगाया और दो टूक शब्दों में कहा,
"आपके पास इस समय कोई कार्ड नहीं हैं। या तो आप समझौता करें या फिर अमेरिका बाहर हो जाएगा। अगर अमेरिका बाहर हुआ, तो फिर आपको अपने दम पर लड़ना होगा, और मुझे नहीं लगता कि यह आपके लिए अच्छा होगा।"
बैठक के बाद ज़ेलेंस्की बिना किसी खनिज संसाधन समझौते (Minerals Deal) के लौटे, जिसे अमेरिका द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध को शांत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा था। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि यूक्रेनी नेता शांति वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं।
रूस और उसके सहयोगियों की प्रतिक्रिया: "यूक्रेन को सबक मिला"
ट्रंप-ज़ेलेंस्की बैठक के बाद रूस ने इसे अपनी कूटनीतिक जीत के रूप में प्रचारित किया।
रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उपप्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने टेलीग्राम पर लिखा,
"ट्रंप ने पहली बार उस कोकीन-आश्रित जोकर (ज़ेलेंस्की) को सच्चाई बताई। कीव सरकार तीसरे विश्व युद्ध से खेल रही है, और उसे उसके मालिकों से कड़ा सबक मिला है। लेकिन यह पर्याप्त नहीं है – यूक्रेन की सैन्य सहायता तुरंत बंद होनी चाहिए।"
रूस की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने भी कहा कि "ट्रंप और वेंस ने ज़ेलेंस्की को थप्पड़ मारने से खुद को कैसे रोका, यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।"
ब्रिटेन और कनाडा का ज़ेलेंस्की को समर्थन
ट्रंप के बयान के बाद ब्रिटेन और कनाडा ने यूक्रेन के प्रति अपने समर्थन को दोहराया।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने शुक्रवार को ट्रंप और ज़ेलेंस्की दोनों से बात की और कहा,
"प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति ट्रंप और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की दोनों से बात की है। ब्रिटेन यूक्रेन के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता बनाए रखेगा और एक ऐसा स्थायी शांति समाधान तलाशने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा जो यूक्रेन की संप्रभुता और सुरक्षा सुनिश्चित करे।"
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी रूस के हमले को "अनुचित और अवैध" बताते हुए यूक्रेन के समर्थन की पुष्टि की।
ज़ेलेंस्की का पलटवार: वैश्विक समर्थन के लिए आभार जताया
व्हाइट हाउस में अपमानजनक टिप्पणी के बाद ज़ेलेंस्की ने तुरंत सोशल मीडिया का सहारा लिया और दुनिया भर के नेताओं को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
यूरोपीय संघ और कई पश्चिमी देशों ने भी ट्रंप के रुख की आलोचना की और ज़ेलेंस्की के प्रति एकजुटता दिखाई।
ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच पुरानी रंजिश: 2019 महाभियोग से आज तक
ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच यह तनाव 2019 के राष्ट्रपति महाभियोग प्रकरण से उपजा था।
2019 में ट्रंप ने ज़ेलेंस्की को एक कॉल के दौरान जो बाइडेन और उनके बेटे हंटर बाइडेन के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच शुरू करने के लिए कहा था। इस विवाद में ट्रंप पर आरोप लगे कि उन्होंने यूक्रेन को दी जाने वाली $400 मिलियन की सैन्य सहायता को रोकने की धमकी दी थी।
इस घटना के बाद अमेरिकी कांग्रेस में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाया गया था, जिससे दोनों नेताओं के बीच रिश्ते और खराब हो गए थे।
व्हाइट हाउस बैठक के बाद क्या होगा आगे?
विश्लेषकों का मानना है कि यह तनावपूर्ण बैठक यूक्रेन के लिए गंभीर भू-राजनीतिक परिणाम ला सकती है।
- ट्रंप ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि अगर वे फिर से राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वे यूक्रेन को सैन्य सहायता जारी रखेंगे या नहीं।
- रूस ने इस स्थिति का पूरा लाभ उठाया और ट्रंप के व्यवहार को यूक्रेन पर अपनी पकड़ मजबूत करने का संकेत माना।
- यूरोपीय देशों को अब यूक्रेन के लिए अपनी सैन्य और वित्तीय सहायता को और अधिक संगठित करना होगा।
आईसीजी (International Crisis Group) के वरिष्ठ सलाहकार ब्रायन फिनुकेन ने कहा,
"यह बैठक पहले से ही तनावपूर्ण होने की संभावना थी। लेकिन ट्रंप और वेंस की आक्रामक प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका की विदेश नीति में रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रति गंभीर परिवर्तन संभव है।"
निष्कर्ष:-
ट्रंप-ज़ेलेंस्की बैठक ने अमेरिका-यूक्रेन संबंधों में बढ़ते तनाव को उजागर कर दिया है।
- अमेरिका यूक्रेन से समझौते के लिए दबाव डाल रहा है, जबकि ज़ेलेंस्की रूस के साथ किसी भी तरह के त्वरित समझौते को स्वीकार करने से हिचक रहे हैं।
- रूस ने इस बैठक को अपने लिए एक जीत के रूप में देखा और ट्रंप के रुख की सराहना की।
- ब्रिटेन, कनाडा और अन्य यूरोपीय देश ज़ेलेंस्की के समर्थन में आगे आए हैं।
- यूक्रेन की सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर भविष्य में अमेरिका की नीतियों में संभावित बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ट्रंप प्रशासन रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए क्या कूटनीतिक कदम उठाता है और क्या यह यूक्रेन के पक्ष में जाता है या फिर रूस के रणनीतिक लाभ का कारण बनता है।
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