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जय बापू, जय भीम’ से संविधान की रक्षा का आह्वान

 कांग्रेस कार्य समिति की बैठक: संगठनात्मक सुधार और 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान' अभियान की घोषणा

कांग्रेस की कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी के व्यापक संगठनात्मक सुधार और देशव्यापी अभियान चलाने का निर्णय लिया। इस बैठक में महात्मा गांधी और राजनीतिक रणनीति पर दो प्रस्ताव भी पारित किए गए।


वर्ष 2025: संगठनात्मक सुधार का लक्ष्य

संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बैठक के बाद बताया कि 2025 कांग्रेस के संगठनात्मक पुनर्गठन का वर्ष होगा। उन्होंने कहा, “हम संगठन के हर स्तर पर सुधार करेंगे। यह प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी।”

इस पहल के तहत दिसंबर 2024 से ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ अभियान शुरू होगा, जो अगले एक वर्ष तक चलेगा। इस अभियान में पदयात्राएं, जिला और राज्य स्तरीय जनसभाएं, और संविधान पर कथित हमलों, महंगाई, और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उजागर करने वाले कार्यक्रम शामिल होंगे।

अप्रैल 2025 में महात्मा गांधी की जन्मस्थली पोरबंदर में कांग्रेस का एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का संकल्प

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, “हम महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और बाबासाहेब आंबेडकर की विचारधारा की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।”

खरगे ने निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए और संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जे का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “संवैधानिक संस्थाओं को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास कमजोर हो रहा है।”

‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ अभियान की खासियत

  • मुख्य मुद्दे: संविधान की रक्षा, महंगाई, और भ्रष्टाचार।
  • गतिविधियाँ: पदयात्राएं, जनसभाएं, और जागरूकता अभियान।
  • लक्ष्य: जनता के बीच कांग्रेस की विचारधारा और सामाजिक न्याय की भावना को मजबूत करना।

नक्शे के विवाद पर भाजपा का हमला

कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस द्वारा लगाए गए पोस्टर में भारत के नक्शे को लेकर विवाद खड़ा हो गया। भाजपा ने कांग्रेस पर 'वोट बैंक' राजनीति का आरोप लगाते हुए कड़ी आलोचना की।

आम आदमी पार्टी की चेतावनी

आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि अनुशासनात्मक कार्रवाई न होने पर कांग्रेस को ‘इंडिया’ गठबंधन से बाहर करने का दबाव बनाया जाएगा।

सोनिया गांधी का प्रेरणादायक संदेश

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बैठक में शामिल न हो पाने पर खेद व्यक्त करते हुए पत्र के माध्यम से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी की विरासत को वर्तमान सरकार और उससे जुड़े संगठनों से खतरा है। हमें बापू की विचारधारा और गांधीवादी संस्थानों की रक्षा करनी होगी।”

निष्कर्ष

कांग्रेस की यह बैठक न केवल संगठनात्मक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह महात्मा गांधी की विरासत और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर केंद्रित एक राष्ट्रीय अभियान को भी दर्शाती है। यह पार्टी के पुनर्गठन और जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

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