उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए उपचुनावों में समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपनी हार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी ने उन 7 सीटों पर हार के बाद चुनाव आयोग से मतदान केंद्रों के CCTV फुटेज जारी करने की मांग की है। सपा ने आरोप लगाया है कि इन सीटों पर चुनाव प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं और चुनावों में धांधली का पूरा शक है। इसके साथ ही पार्टी ने आगामी चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का पूरी तरह बहिष्कार करने का आह्वान भी किया है, यह कहते हुए कि चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए बिना लोकतंत्र की रक्षा संभव नहीं है।
7 सीटों पर हार पर सवाल
समाजवादी पार्टी ने विशेष रूप से उन 7 सीटों को लेकर चुनाव आयोग से सवाल किए हैं जहां पार्टी को बेहद कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा। पार्टी का आरोप है कि इन सीटों पर चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं थी। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, "हमारे पास पुख्ता सबूत हैं कि मतदान के दौरान गड़बड़ियां हुईं। इन गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए हमने मुख्य चुनाव अधिकारी से मतदान केंद्रों के CCTV फुटेज जारी करने की मांग की है।"
EVM पर फिर उठे सवाल
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने EVM की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, "जब तक EVM का उपयोग बंद नहीं होगा, तब तक निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है। यह मशीन भाजपा को हर चुनाव में फायदा पहुंचाती है। बैलेट पेपर पर वापस लौटना ही लोकतंत्र को बचाने का एकमात्र उपाय है।" उन्होंने आगे कहा कि यदि EVM का उपयोग जारी रहा, तो चुनाव परिणाम पहले से तय होंगे और जनता की राय का कोई महत्व नहीं बचेगा।
चुनाव आयोग से CCTV फुटेज की मांग
सपा ने उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी को औपचारिक पत्र लिखकर इन 7 सीटों के मतदान केंद्रों के CCTV फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम आवश्यक है।
सपा ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने भाजपा के पक्ष में काम किया और मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की गई। प्रवक्ता ने कहा, "चुनाव के दिन कई जगहों पर शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन प्रशासन ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की। यह साफ तौर पर दर्शाता है कि चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित किया गया।"
आगामी चुनावों का बहिष्कार करने की चेतावनी
समाजवादी पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आगामी चुनावों में EVM का उपयोग किया गया, तो पार्टी इस चुनाव प्रक्रिया का बहिष्कार कर सकती है। अखिलेश यादव ने कहा, "हम देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। EVM का उपयोग बंद करना होगा, अन्यथा लोकतंत्र पर से जनता का विश्वास खत्म हो जाएगा।"
जनता को किया गया आह्वान
सपा ने जनता से भी अपील की है कि वह ईवीएम का बहिष्कार करें और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की मांग करें। पार्टी ने कहा कि बैलेट पेपर पर चुनाव कराने से न केवल जनता का विश्वास बहाल होगा, बल्कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
अन्य दलों का समर्थन जुटाने की कोशिश
सपा ने विपक्षी दलों को भी EVM के खिलाफ इस अभियान में शामिल होने का आह्वान किया है। अखिलेश यादव ने कहा, "यह सिर्फ समाजवादी पार्टी की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के लोकतंत्र की लड़ाई है। अगर हम अब नहीं जागे, तो आने वाले समय में जनता की आवाज पूरी तरह दबा दी जाएगी।"
zz
भाजपा पर गंभीर आरोप
सपा ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह हर चुनाव में प्रशासन और तकनीकी प्रक्रियाओं का दुरुपयोग करके चुनाव परिणामों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करती है। प्रवक्ता ने कहा, "भाजपा लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर कर रही है। चुनाव आयोग को निष्पक्षता बनाए रखने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे।"
EVM बहस पर राष्ट्रीय मुद्दा बनने की तैयारी
EVM का मुद्दा अब सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहा। सपा इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की तैयारी कर रही है। पार्टी का कहना है कि वह संसद से लेकर सड़क तक EVM के खिलाफ आंदोलन करेगी।
चुनाव आयोग की चुप्पी
अब तक, चुनाव आयोग ने सपा की मांगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन सपा के बढ़ते दबाव और विपक्षी दलों के साथ आने से इस मुद्दे पर बहस तेज होने की संभावना है।
निष्कर्ष
समाजवादी पार्टी के इस रुख ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। EVM का मुद्दा और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर उठे सवाल अगले कुछ महीनों में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का केंद्र बन सकते हैं। क्या चुनाव आयोग सपा की मांगों को मानकर इन मुद्दों का समाधान करेगा, या फिर यह विवाद और बढ़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।