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इंडिगो फ्लाइट संकट: पांचवें दिन भी उथल-पुथल, देशभर में हज़ारों यात्री फंसे — हवाई किराया आसमान पर, रेलवे में बेतहाशा भीड़

 6 दिसंबर 2025 |✍🏻 Z S Razzaqi |वरिष्ठ पत्रकार  

भारत की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन इंडिगो लगातार पांचवें दिन भी गंभीर परिचालन संकट में फंसी रही। शुक्रवार (5 दिसंबर) को एक ही दिन में 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं और शनिवार को भी सैकड़ों उड़ानें रद्द होने की पुष्टि के साथ देशभर में हवाई यात्रा लगभग ठप पड़ गई।

हज़ारों यात्री रातभर हवाई अड्डों पर फंसे रहे, टिकटें अचानक कई गुना महंगी हुईं और रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने इंडिगो को नई FDTL (Flight Duty Time Limitations) नियमों के पालन से 10 फरवरी तक राहत दे दी।


इंडिगो की सबसे बड़ी तकनीकी–संचालनात्मक गिरावट: दिल्ली, चेन्नई और बेंगलुरु केंद्र बने ठहराव का केंद्र

इंडिगो ने शुक्रवार को दिल्ली हवाई अड्डे से पूरे दिन के लिए सभी प्रस्थान (departures) निलंबित कर दिए, ताकि सिस्टम रीबूट किया जा सके और लगातार बढ़ रही देरी को रोका जा सके।

इसी प्रकार,

  • चेन्नई एयरपोर्ट से दिनभर सभी घरेलू उड़ानें रद्द,

  • बेंगलुरु से दिल्ली और मुंबई के लिए दिनभर की सभी उड़ानें रद्द,

  • कई महानगरों से शॉर्ट-हॉल रूट भी स्थगित कर दिए गए।

हालत यह रही कि रातभर टर्मिनलों में यात्रियों की कतारें लगी रहीं, बोर्डिंग पास वाले यात्री तक टर्मिनल में प्रवेश के लिए संघर्ष करते दिखे।


हवाई किरायों में बेतहाशा उछाल — कोलकाता से मुंबई ₹90,000, मुंबई से भुवनेश्वर ₹84,000

इंडिगो के बड़े पैमाने पर उड़ान रद्द करते ही अन्य एयरलाइनों ने किरायों में भारी बढ़ोतरी की।

  • स्पाइसजेट कोलकाता–मुंबई (वन-स्टॉप) की टिकट
    ₹90,000 तक पहुंच गई।

  • एयर इंडिया मुंबई–भुवनेश्वर टिकट
    ₹84,485 तक दर्ज की गई।

  • मुंबई–मंगलुरु का किराया औसत ₹6,000–8,000 से बढ़कर
    ₹25,000 तक हो गया।

  • बेंगलुरु–मंगलुरु का किराया
    ₹3,000–6,000 से बढ़कर ₹18,000 तक पहुंचा।

यात्रा उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि किराये “अनुकरणीय नहीं, बल्कि अप्रत्याशित” हो चुके हैं।


संकट की जड़: FDTL नियम, रोस्टरिंग समस्याएँ, स्टाफ की कमी और तकनीकी गड़बड़ियाँ

इंडिगो ने अपने बयान में इस अभूतपूर्व संकट के पीछे कई कारण गिनाए—

  1. नई FDTL नीति (पायलट ड्यूटी और विश्राम अवधि) का नवंबर से पूरा अमल

  2. पायलट रोस्टरिंग में बड़ी गड़बड़ी

  3. सॉफ्टवेयर/शेड्यूलिंग सिस्टम में त्रुटियाँ

  4. सर्दियों की शुरुआत से समय-सारणी में बदलाव

  5. मौसम और एयर ट्रैफिक कंजेशन

एविएशन एक्सपर्ट हर्ष वर्धन ने इसे “स्पष्ट प्रबंधन विफलता” बताया। उन्होंने कहा कि नीति एक वर्ष पहले ही फाइनल हुई थी, इसलिए इतनी बड़ी अव्यवस्था “अनुमानित और टालने योग्य” थी।


इंडिगो CEO का बयान — “हम क्षमाप्रार्थी हैं”, 10–15 दिसंबर तक सामान्य होने का दावा

इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स ने पहली बार वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा—

  • “सिस्टम रीबूट के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं था।”

  • “हम उम्मीद करते हैं कि 10–15 दिसंबर तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।”

  • “DGCA द्वारा FDTL में दी गई राहत बेहद आवश्यक साबित हुई है।”

यात्रियों से उन्होंने “गहरी क्षमा” भी मांगी।


हवाई अड्डों पर अफरातफरी: चेन्नई, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, रांची, श्रीनगर, अहमदाबाद सबसे ज्यादा प्रभावित

देश के कई प्रमुख हवाई अड्डों से स्थिति बेहद गंभीर बताई गई—

1. हैदराबाद

  • शनिवार को 69 उड़ानें रद्द (26 आगमन, 43 प्रस्थान)

2. श्रीनगर–जम्मू

  • सिर्फ एक दिन में 27 से अधिक उड़ानें रद्द

  • यात्रियों ने “सेवा न मिलने” के आरोप में विरोध प्रदर्शन किया।

3. तिरुवनंतपुरम

  • कुल 6 प्रमुख घरेलू उड़ानें रद्द

  • दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु रूट पर गहरा असर

4. रांची

  • एक ही दिन में 18 आने वाली और 18 जाने वाली उड़ानें रद्द

  • यात्रियों ने ईमेल/SMS न मिलने की शिकायत की।

5. मुंबई और दिल्ली

  • रातभर लंबी कतारें

  • “अंदर अपोकैलिप्स जैसा माहौल” — अभिनेत्री लॉरेन गॉटलिब


संकट का सामाजिक-मानवीय असर: शादी में न पहुंच पाए दूल्हा-दुल्हन, वीआईपी और सेलिब्रिटी भी परेशान

उड़ानें रद्द होने से:

  • हुब्बल्ली में एक दंपति को अपनी शादी की रिसेप्शन को ऑनलाइन वीडियो कॉल पर करना पड़ा।

  • सैकड़ों लोग मेडिकल अपॉइंटमेंट, इंटरव्यू, परीक्षाएँ और जरूरी यात्राएँ छोड़ने पर मजबूर हुए।

  • राहुल वैद्य, जय भानुशाली समेत कई सेलिब्रिटीज ने सोशल मीडिया पर नाराजगी व्यक्त की।


रेलवे बना ‘लास्ट होप’: 116 अतिरिक्त कोच, 37 ट्रेनें बढ़ी क्षमता के साथ

हवाई यात्रा ठप होने के चलते रेलवे की टिकटें मिनटों में भरने लगीं। इस अतिरिक्त दबाव को देखते हुए—

  • रेलवे ने 37 प्रमुख ट्रेनों में 116 अतिरिक्त कोच लगाए।

  • साउदर्न रेलवे में सबसे अधिक 18 ट्रेनों की क्षमता बढ़ाई गई।

  • नॉर्दर्न और वेस्टर्न रेलवे ने भी चेयरकार, 3AC और 2AC कोच बढ़ाए।

  • सेंट्रल रेलवे ने 6 नई विशेष ट्रेनें चलाने का ऐलान किया।

लोग भारी तादाद में हवाई अड्डों से सीधे रेलवे स्टेशनों की ओर दौड़ते देखे गए।


राजनीतिक घमासान: कांग्रेस और विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

राहुल गांधी

“इंडिगो संकट इस सरकार के मोनोपॉली मॉडल का परिणाम है… देश को फेयर कम्पटीशन चाहिए, मैच-फिक्सिंग नहीं।”

तेलंगाना के कांग्रेस सांसद मल्‍लू रवि

उन्होंने विमानन मंत्री को पत्र लिखकर इसे
“गंभीर, अभूतपूर्व और नीति विफलता का संकेत” बताया।

डिंपल यादव

“किराया बेतहाशा बढ़ रहा है… एयरलाइंस मनमानी कर रही हैं… सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।”


चार्टर जेट की डिमांड में उछाल — हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली से रिकॉर्ड बुकिंग्स

बिजनेस ट्रैवलर्स और परिवारों ने विकल्प के तौर पर चार्टर सेवाओं का रुख किया।
ऑपरेटर्स के मुताबिक—

  • 4 दिसंबर से अब तक चार्टर मांग में 5 गुना उछाल

  • हैदराबाद से सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट

  • कई कंपनियों ने एक ही दिन में 30–50 पूछताछें दर्ज कीं


यात्रियों की व्यथा: “मेरी फ्लाइट रात 8 बजे की थी, मैं अभी भी लाइन में हूँ”

चेन्नई एयरपोर्ट का एक प्रत्यक्षदर्शी अनुभव वायरल हुआ—

  • लोग रातभर बिना जानकारी के प्रतीक्षा में खड़े

  • बच्चों, बुजुर्गों और विकलांग यात्रियों के लिए कोई विशेष प्रबंधन नहीं

  • कई यात्रियों ने कहा—
    “कस्टमर केयर फोन उठ ही नहीं रहा।”


निष्कर्ष:-

 भारत की विमानन प्रणाली के लिए चेतावनी की घंटी

इंडिगो संकट ने भारतीय विमानन क्षेत्र की संरचनात्मक कमज़ोरियों,
एकल ऑपरेटर पर निर्भरता,
रोस्टरिंग सिस्टम की खामियों,
नीति तैयारी और प्रबंधन की विफलताओं
सबको एक साथ उजागर कर दिया है।

अगर सुधारात्मक कदम तुरंत नहीं उठाए गए, तो विशेषज्ञों के अनुसार
यह संकट आने वाले महीनों में विमानन क्षेत्र की स्थिरता और विश्वसनीयता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।





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