13 अक्टूबर 2025 ✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार
मध्य पूर्व में चल रहे लंबे संघर्ष के बीच एक बड़ी कूटनीतिक प्रगति के तहत, फ़िलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) ने युद्धविराम समझौते की पहली शर्त के रूप में सात इसराइली बंदियों को रिहा कर दिया है। इन बंदियों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय संस्था इंटरनेशनल कमेटी ऑफ़ द रेड क्रॉस (ICRC) के हवाले किया गया है।
इस घटनाक्रम के बाद इसराइल के कई हिस्सों में खुशी की लहर दौड़ गई। हजारों लोग “होस्टेज स्क्वायर” (Hostages Square) और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर एकत्र हुए जहाँ बंदियों की वापसी को लाइव प्रसारण के माध्यम से देखा गया।
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इसराइल की पुष्टि के बाद शुरू होगी फ़िलिस्तीनियों की रिहाई
अधिकारियों के मुताबिक, जैसे ही इसराइल यह पुष्टि करेगा कि सभी 20 जीवित बंदी उसकी सीमा के भीतर पहुँच चुके हैं, वह लगभग 2,000 फ़िलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। इनमें से कई कैदी बिना मुक़दमे के हिरासत में रखे गए थे।
रिहा किए जाने वालों में 250 फ़िलिस्तीनी आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे हैं। हालाँकि, लंबे समय से प्रतीक्षित नेता मरवान बरघूती का नाम इस सूची में नहीं है।
🏥 बंदियों की मेडिकल जांच और परिवार से मुलाकात
रेड क्रॉस द्वारा लाए गए बंदियों को दक्षिणी इसराइल के रे’ईम सैन्य अड्डे पर पहुँचाया गया, जहाँ उनकी मेडिकल जांच, स्नान और कपड़े बदले जाने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसके बाद उन्हें अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाएगा ताकि वे अपने परिवारों से मिल सकें।
सरकारी प्रवक्ता शोश बेड्रोसियन के अनुसार, यह कदम “एक नए रास्ते की शुरुआत” है — पुनर्निर्माण और राष्ट्रीय एकता की दिशा में।
🤝 ट्रम्प की मध्यस्थता और युद्धविराम की सफलता
यह समझौता मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता से संभव हुआ है। ट्रम्प इस समय इसराइल और मिस्र की यात्रा पर हैं और सोमवार को शर्म अल-शेख में आयोजित गाज़ा शांति सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे।
इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतरेस, जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोग़ान और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फ़तह अल-सीसी सहित 20 से अधिक विश्व नेता शामिल होंगे।
🏚️ गाज़ा में विनाश और मानवीय संकट बरक़रार
हालाँकि युद्धविराम लागू हो चुका है, परंतु गाज़ा के हालात अब भी गंभीर हैं। शहर के बड़े हिस्से खंडहरों में तब्दील हो चुके हैं।
मानवीय सहायता की कुछ खेपें गाज़ा पहुँची हैं लेकिन भोजन, दवाइयाँ और आश्रय सामग्री की भारी कमी है। लोगों की ज़िंदगी पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय मदद पर निर्भर हो गई है।
💬 “यह एक भावनात्मक पल है” – नेतन्याहू
इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा —
“यह भावनात्मक शाम है, क्योंकि कल हमारे बच्चे वापस लौटेंगे। कल एक नए रास्ते की शुरुआत है — पुनर्निर्माण, उपचार और एकता के मार्ग की।”
हालाँकि, कुछ बंदियों के परिजनों ने नेतन्याहू की नीतियों पर नाराज़गी जताई है, आरोप लगाया कि सरकार ने सैन्य कार्रवाई को प्राथमिकता दी और बंदियों की रिहाई में देरी की।
🔮 आगे की राह कठिन
विश्लेषकों का कहना है कि यह समझौता सिर्फ़ शुरुआत है। दूसरे चरण में इसराइल की क्रमिक वापसी, हमास का निशस्त्रीकरण और गाज़ा के पुनर्गठन पर बातचीत होनी बाकी है।
क़तर विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर अदनान हयाजनेह के शब्दों में —
“गाज़ा की सूरत-ए-हाल किसी भूकंप से कम नहीं है। वहाँ अब न सरकार बची है, न स्कूल, न ढाँचा — बस मलबा और उम्मीद।”
निष्कर्ष:-
हमास और इसराइल के बीच यह कैदी अदला-बदली और युद्धविराम समझौता एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकता है। जहाँ एक ओर यह सौदा ट्रम्प प्रशासन के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता है, वहीं दूसरी ओर मध्य पूर्व की स्थिरता के लिए एक नई उम्मीद भी जगाता है।
