15 अक्टूबर 2025 ✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार
यह गिरफ्तारी अमेरिकी राजधानी वॉशिंगटन डी.सी. में यूएस अटॉर्नी ऑफिस (Eastern District of Virginia) द्वारा की गई कार्रवाई के बाद हुई है।
गंभीर आरोप और संभावित सज़ा
यूएस अटॉर्नी लिंडसे हॉलिगन ने बयान जारी करते हुए कहा,
“ऐसे दस्तावेज़ों की अनुचित हैंडलिंग से देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा होता है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक चेतावनी है।”
कौन हैं एश्ले जे. टेलिस?
एश्ले टेलिस भारतीय मूल के एक प्रसिद्ध रणनीतिक विश्लेषक, नीति विशेषज्ञ और Carnegie Endowment for International Peace में ‘Tata Chair for Strategic Affairs’ पद पर कार्यरत थे।
उन्हें लंबे समय से दक्षिण एशियाई सुरक्षा, परमाणु नीति और भारत-अमेरिका संबंधों के प्रमुख जानकारों में गिना जाता है।
उन्होंने अमेरिकी सरकार में कई अहम भूमिकाएँ निभाई हैं —
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राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (National Security Council) में Special Assistant to the President के रूप में कार्य किया।
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अंडर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर पॉलिटिकल अफेयर्स के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में, उन्होंने भारत-अमेरिका सिविल न्यूक्लियर डील की वार्ताओं में प्रमुख भूमिका निभाई।
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इसके अलावा वे RAND Corporation में वरिष्ठ नीति विश्लेषक और प्रोफेसर भी रह चुके हैं।
उनकी चर्चित किताबों में शामिल हैं —
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Striking Asymmetries: Nuclear Transitions in Southern Asia
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Revising U.S. Grand Strategy Toward China
वे Council on Foreign Relations (CFR) और International Institute for Strategic Studies (IISS) जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सदस्य भी हैं।
जांच के दायरे में चीन से संभावित संपर्क
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जांच एजेंसियाँ यह भी देख रही हैं कि क्या टेलिस के चीनी अधिकारियों से किसी पेशेवर या अकादमिक मुलाकात के दौरान संवेदनशील सूचनाएँ साझा की गईं।
हालांकि, अभी तक जासूसी (espionage) का कोई ठोस आरोप नहीं लगाया गया है, लेकिन अभियोजन पक्ष का दावा है कि उन्होंने सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया और गोपनीय दस्तावेज़ों को निजी रूप से सुरक्षित रखा।
यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब अमेरिका और चीन के बीच तकनीकी व सामरिक प्रतिद्वंद्विता अपने चरम पर है, और भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी दोनों देशों की एशिया-प्रशांत नीति का अहम हिस्सा बनी हुई है।
भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रभाव
एश्ले टेलिस को भारत-अमेरिका संबंधों का “आर्किटेक्ट स्कॉलर” माना जाता है।
उनकी सलाह और विश्लेषण ने बीते दो दशकों में दोनों देशों के बीच सैन्य, परमाणु और रणनीतिक सहयोग को आकार दिया।
ऐसे में उनकी गिरफ्तारी ने वॉशिंगटन और नई दिल्ली दोनों की नीति-निर्माण हलकों में हलचल पैदा कर दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जांच में विदेशी संपर्कों की पुष्टि होती है, तो यह मामला अमेरिका की अकादमिक स्वतंत्रता और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन पर बड़ी बहस को जन्म दे सकता है।
