✍🏻 Z S Razzaqi |वरिष्ठ पत्रकार
मुंबई | 6 सितम्बर 2025 — गणेश विसर्जन से ठीक एक दिन पहले मुंबई शहर में तब हड़कंप मच गया जब ट्रैफिक पुलिस के आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर पर एक सनसनीखेज़ संदेश भेजा गया। संदेश में दावा किया गया था कि मुंबई में 34 "ह्यूमन बम" लगाए गए हैं और 14 पाकिस्तानी आतंकी भारत में दाखिल हो चुके हैं। साथ ही यह भी धमकी दी गई थी कि 400 किलो आरडीएक्स (RDX) विस्फोट के लिए तैयार है।
इस धमकी से पूरी मुंबई पुलिस और सुरक्षा एजेंसियाँ सतर्क हो गईं। शहर को हाई अलर्ट पर डाल दिया गया और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई।
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
धमकी देने वाले आरोपी की पहचान 51 वर्षीय अश्विनी कुमार के रूप में हुई है, जो बिहार के पटना (पटलिपुत्र) का रहने वाला है। वह पिछले पांच साल से नोएडा (उत्तर प्रदेश) में रह रहा था और खुद को एक ज्योतिषी बताता था।
पुलिस ने नोएडा से अश्विनी कुमार को गिरफ्तार किया और उसके पास से सात मोबाइल फोन, तीन सिम कार्ड, छह मेमोरी कार्ड होल्डर, दो डिजिटल कार्ड, चार सिम कार्ड स्लॉट और एक अतिरिक्त मेमोरी कार्ड बरामद किए। आरोपी का मोबाइल फोन और सिम कार्ड ज़ब्त कर लिया गया है।
धमकी के पीछे की असली वजह
मुंबई पुलिस की जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि यह आतंकी धमकी वास्तव में एक निजी दुश्मनी का नतीजा थी।
दरअसल, अश्विनी कुमार ने यह संदेश अपने दोस्त फिरोज़ को फंसाने के लिए भेजा था।
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वर्ष 2023 में अश्विनी को फुलवारी शरीफ़, पटना में फिरोज़ द्वारा दर्ज एक मामले में तीन महीने जेल की सज़ा काटनी पड़ी थी।
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उसी रंजिश का बदला लेने के लिए अश्विनी ने फर्जी नाम से मुंबई ट्रैफिक पुलिस को व्हाट्सएप पर धमकी भेजी।
मुंबई पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही मुंबई ट्रैफिक पुलिस को धमकी संदेश मिला, पूरे शहर में अलर्ट जारी कर दिया गया।
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संवेदनशील जगहों पर पुलिस बल तैनात किए गए।
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विसर्जन जुलूस और भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा चक्र और सख्त कर दिया गया।
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आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) और खुफिया एजेंसियों ने भी तुरंत जांच शुरू की।
हालांकि प्राथमिक जांच में यह साफ़ हो गया कि धमकी फर्जी थी, लेकिन पुलिस इसे “अत्यंत गंभीर अपराध” मानकर कार्रवाई कर रही है।
मामला क्यों गंभीर है?
भारत के सामने लगातार आतंकी हमलों की चुनौती रहती है। मुंबई जैसे महानगर में अगर इस तरह की धमकियाँ मिलती हैं, तो:
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यह लोगों में अनावश्यक दहशत फैलाती हैं।
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पुलिस और खुफिया एजेंसियों का कीमती समय और संसाधन बर्बाद होता है।
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त्योहारों के दौरान सुरक्षा का संतुलन बिगड़ सकता है।
इस वजह से इस मामले को हल्के में नहीं लिया गया है। मुंबई पुलिस आरोपी को मुंबई लाकर पूछताछ कर रही है और उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
निष्कर्ष:-
मुंबई में गणेश विसर्जन जैसे संवेदनशील अवसर पर यह फर्जी धमकी देना केवल एक मज़ाक नहीं बल्कि गंभीर अपराध है। अश्विनी कुमार ने निजी रंजिश के कारण पूरे शहर की सुरक्षा व्यवस्था को खतरे में डाल दिया। मुंबई पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित कार्रवाई से हालात नियंत्रण में रहे, लेकिन यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि साइबर स्पेस का दुरुपयोग किस तरह राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर डाल सकता है।
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