रिपोर्ट:✍🏻 Z S Razzaqi | वरिष्ठ पत्रकार
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वायरल वीडियो: समर्थक का आलिंगन और सुरक्षा कर्मियों का थप्पड़
यात्रा के दौरान जब राहुल गांधी और तेजस्वी यादव मोटरसाइकिल पर सवार होकर भीड़ का अभिवादन कर रहे थे, तभी एक उत्साही समर्थक दौड़कर राहुल गांधी के पास पहुंचा और उन्हें गले लगा लिया। यह दृश्य तो लोगों को भावुक कर गया, लेकिन तुरंत ही सुरक्षाकर्मियों ने समर्थक को पकड़कर थप्पड़ जड़ दिया।
यह क्षण कैमरे में कैद हो गया और कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
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एक यूज़र ने लिखा: “यह पूरी तरह से सुरक्षा की लापरवाही है, राहुल गांधी की कोई गलती नहीं।”
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वहीं, दूसरे ने इसे PR टीम का स्क्रिप्टेड नाटक बताया।
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मज़ाकिया अंदाज़ में एक यूज़र ने कहा: “50 रुपए काट, ओवरएक्टिंग का।”
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कुछ लोगों ने चेताया कि यह प्यार भले ही दिखे, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से ख़तरनाक है।
‘वोटर अधिकार यात्रा’ का राजनीतिक एजेंडा
यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई थी और 20 ज़िलों को कवर करते हुए 1 सितंबर को पटना में एक विशाल रैली के साथ समाप्त होगी। कुल 1,300 किमी लंबी यह यात्रा कांग्रेस और आरजेडी के लिए बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जनता से सीधा जुड़ाव बनाने का प्रयास है।
कटिहार में एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा:
“भाजपा और आरएसएस चाहते हैं कि दलित, पिछड़े और महिलाएं आगे न बढ़ें। वे संविधान को नष्ट करने पर आमादा हैं और बिहार में वोट चोरी की साज़िश रच रहे हैं।”
उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि गरीबों और नौजवानों के लिए रोज़गार और अवसरों के दरवाज़े बंद कर दिए गए हैं।
सोशल मीडिया पर बहस और राजनीतिक असर
वायरल वीडियो के चलते सोशल मीडिया पर #RahulGandhi, #BiharYatra और #VoterAdhikarYatra जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
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कांग्रेस समर्थकों ने इसे राहुल गांधी के प्रति जनता का प्यार और अपनापन बताया।
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विरोधियों ने इसे ड्रामेबाज़ी और प्रचार स्टंट करार दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा न केवल कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को मज़बूती दे रही है, बल्कि भाजपा के ख़िलाफ़ एक जनता-जनार्दन से जुड़ा आंदोलन बनने की कोशिश है।
बिहार चुनावी परिदृश्य
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 इसी साल होने हैं, हालांकि चुनाव आयोग (ECI) ने अभी तक तारीख़ों का ऐलान नहीं किया है। लेकिन सभी पार्टियों ने प्रचार अभियान तेज़ कर दिए हैं।
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कांग्रेस और आरजेडी इस यात्रा के ज़रिए राज्य में भाजपा को चुनौती देना चाह रहे हैं।
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राहुल गांधी का फोकस “संविधान बचाओ, वोट बचाओ” के नारे पर है।
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भाजपा का रुख अब तक आक्रामक है और वह राहुल गांधी पर लगातार “नाटकबाज़ी” का आरोप लगा रही है।
निष्कर्ष:-
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ सिर्फ़ एक राजनीतिक रैली नहीं, बल्कि बिहार चुनाव से पहले जनता को संदेश देने की एक बड़ी रणनीति है। वायरल वीडियो भले ही विवादों का कारण बन गया हो, लेकिन इसने यात्रा को और ज़्यादा चर्चा में ला दिया है। यह साफ़ है कि कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन इस अभियान को बिहार की राजनीति में गेम-चेंजर बनाना चाहता है।
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