✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार
6 जून 2025 को सऊदी अरब के रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा कीं जिनमें मक्का शहर के चारों ओर मिसाइल डिफेंस सिस्टम और मस्जिद अल-हराम पर मंडराते सैन्य हेलीकॉप्टर नजर आए। इन तस्वीरों ने दुनिया भर में रह रहे मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों का ध्यान खींचा।
इन तस्वीरों के साथ मंत्रालय ने लिखा कि एयर डिफेंस फोर्सेज़ वह आंख हैं जो कभी पलक नहीं झपकाती और उनका मिशन है खुदा के मेहमानों की हिफाजत करना।
प्रश्न यह उठता है कि क्या हज जैसे शांतिपूर्ण धार्मिक अवसर पर इस तरह की सैन्य तैनाती आवश्यक थी या इसके पीछे कोई विशेष रणनीतिक कारण छिपा हुआ है।
हज के दौरान इतनी सख्त सैन्य सुरक्षा क्यों जरूरी मानी गई
हर साल लाखों लोग मक्का और मदीना में हज के लिए एकत्र होते हैं। इस वर्ष यह संख्या साढ़े बारह लाख से अधिक बताई गई है। इतने बड़े स्तर पर होने वाली धार्मिक भीड़ के लिए शांति, सुव्यवस्था और सुरक्षा सुनिश्चित करना किसी भी देश के लिए एक बड़ी चुनौती होती है।
सऊदी अरब पिछले कुछ वर्षों से यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य अभियान चला रहा है। अतीत में हूतियों ने सऊदी शहरों पर मिसाइल हमलों का दावा किया है, और रियाद तथा जेद्दा जैसे शहर निशाने पर रहे हैं। सऊदी सरकार ने अतीत में यह भी कहा है कि हूतियों ने मक्का को भी निशाना बनाने की कोशिश की थी, हालांकि हूतियों ने इन आरोपों से इनकार किया है।
इस संदर्भ में यह कदम उठाया गया कि मक्का के चारों ओर अमेरिकी पेट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिए जाएं, ताकि किसी भी संभावित हमले की स्थिति में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सऊदी सरकार की आधिकारिक जानकारी और प्रेस कॉन्फ्रेंस
सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार सऊदी गृह मंत्रालय ने हज से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हज के दौरान सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। पब्लिक सिक्योरिटी डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अल बसामी ने बताया कि देश की सभी एजेंसियों ने संयुक्त सुरक्षा प्रणाली के तहत मिलकर एक ऐसा ढांचा तैयार किया है जो भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक व्यवस्था, आपातकालीन स्थितियों और संभावित खतरे से निपटने में सक्षम है।
इसके अंतर्गत पांच हजार से अधिक कैमरों से निगरानी की जा रही है, ड्रोन्स और सैन्य हेलीकॉप्टर लगातार हवाई गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। साथ ही, सऊदी एयर फोर्स हवाई सीमाओं की निगरानी, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और आपात स्थिति में जमीनी बलों को लॉजिस्टिक सहायता भी प्रदान कर रही है।
पेट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम क्या है
यह अमेरिकी रक्षा प्रणाली है जिसे रेथियॉन और लॉकहीड मार्टिन कंपनियों ने विकसित किया है। इसका नाम है एमआईएम 104 पेट्रियट और इसे पहली बार अमेरिकी सेना में 1980 के दशक में शामिल किया गया था।
यह प्रणाली बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल, फाइटर जेट और ड्रोन्स जैसे हवाई खतरों को पहचानने, ट्रैक करने और उन्हें हवा में नष्ट करने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता 150 किलोमीटर से अधिक बताई जाती है।
इस सिस्टम की प्रमुख विशेषता इसका एडवांस रडार सिस्टम है जो एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक करने और कुछ ही सेकंड में प्रतिक्रिया देने की क्षमता रखता है। यह प्रणाली इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग से बचाव में भी कुशल मानी जाती है।
1991 के खाड़ी युद्ध के दौरान यह सिस्टम पहली बार वैश्विक मंच पर चर्चा में आया जब इसने इराक की मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। तब से अब तक यह कई बार उन्नत किया जा चुका है और वर्तमान में 19 देशों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।
मक्का में तैनाती के पीछे संभावित रणनीतिक संदेश
सऊदी अरब की यह कार्रवाई केवल एक सुरक्षा कदम नहीं बल्कि रणनीतिक संदेश भी है। यह तैनाती यह दर्शाती है कि सऊदी अरब अपने पवित्र स्थलों की सुरक्षा को लेकर गंभीर और सक्षम है। साथ ही यह अपने शत्रुओं, विशेष रूप से हूती विद्रोहियों, को यह संकेत देना चाहता है कि मक्का और मदीना जैसे शहरों की ओर किसी भी प्रकार की आक्रामक कार्रवाई का उत्तर बेहद कठोर होगा।
इसके साथ ही, यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह आश्वासन भी देता है कि हज जैसे विश्वस्तरीय आयोजन के दौरान सुरक्षा और व्यवस्थाएं सर्वोच्च प्राथमिकता पर हैं।
पिछले वर्ष की घटनाओं से सबक
बीते वर्ष हज के दौरान कड़ी धूप, सुविधाओं की कमी और अव्यवस्था की वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी। इस वर्ष सऊदी प्रशासन पूरी तरह से सतर्क और संगठित नजर आ रहा है। चाहे वह तकनीकी निगरानी हो, डिफेंस सिस्टम की तैनाती या भीड़ प्रबंधन – हर स्तर पर तैयारी बेहतर दिखाई दे रही है।
निष्कर्ष
मक्का में हज के दौरान पेट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती धार्मिक आस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के उस जंक्शन पर खड़ी है जहां विश्वास और रणनीति एक-दूसरे से टकराते नहीं बल्कि एक-दूसरे की सुरक्षा में खड़े होते हैं।
यह कदम सऊदी अरब के लिए धार्मिक कर्तव्य से अधिक एक राष्ट्रीय जिम्मेदारी का संकेत है, और यह दर्शाता है कि जब बात अल्लाह के मेहमानों की हिफाजत की हो, तो सुरक्षा के हर स्तर को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है।