भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस संक्रमण की गति तेज हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या 3,395 तक पहुँच चुकी है, जो कि 22 मई को दर्ज किए गए 257 मामलों के मुकाबले 1200 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि दर्शाती है। यह अचानक हुई वृद्धि स्वास्थ्य विशेषज्ञों, सरकार और आम नागरिकों के लिए चिंता का विषय बन गई है, हालांकि फिलहाल घबराने की स्थिति नहीं बताई गई है।
भारत में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति
भारत ने शुक्रवार से शनिवार के बीच 685 नए कोविड मामले दर्ज किए हैं, जबकि इस अवधि में चार मौतें भी रिपोर्ट की गई हैं। 2025 की शुरुआत से अब तक देश में कुल 26 मौतें कोविड-19 के कारण हो चुकी हैं। वर्तमान में सबसे अधिक प्रभावित राज्य केरल है, जहाँ शुक्रवार को 189 नए मामले सामने आए और कुल सक्रिय मामलों की संख्या 1,336 हो गई है।
इसके बाद महाराष्ट्र में 467, दिल्ली में 375, गुजरात में 265, कर्नाटक में 234, पश्चिम बंगाल में 205, तमिलनाडु में 185 और उत्तर प्रदेश में 117 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। अन्य राज्यों जैसे राजस्थान (60), पुडुचेरी (41), हरियाणा (26), आंध्र प्रदेश (17) और मध्य प्रदेश (16) में भी मामूली वृद्धि देखी गई है।
वायरस की नई लहर का कारण क्या है?
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा है कि पश्चिम और दक्षिण भारत से प्राप्त सैंपलों के जीनोम अनुक्रमण में यह स्पष्ट हुआ है कि वायरस की वर्तमान लहर ओमिक्रॉन के उप-संस्करणों (sub-variants) के कारण है। इनमें LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 शामिल हैं, जिनमें से पहले तीन सबसे अधिक फैल रहे हैं। ICMR के प्रमुख डॉ. राजीव बेहल ने सोमवार को बताया कि ये सभी नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की ही उपशाखाएं हैं, जो भारत में 2022 की भीषण लहर के लिए ज़िम्मेदार था।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दक्षिण भारत में सबसे पहले संक्रमण की वृद्धि देखी गई, फिर पश्चिम भारत में और अब उत्तरी भारत में मामूली वृद्धि दर्ज की जा रही है। ये सभी मामले इंटीग्रेटेड डिज़ीज़ सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) के ज़रिए निगरानी में हैं।
संक्रमण की गंभीरता और टीकाकरण की स्थिति
डॉ. बेहल ने इस बात पर जोर दिया है कि फिलहाल कोविड मामलों की गंभीरता कम है। उन्होंने कहा कि किसी भी कोविड वृद्धि को समझने के लिए तीन बातों पर ध्यान देना ज़रूरी होता है:
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संक्रमण का प्रसार कितना तेज़ है: अभी मामलों की वृद्धि दर पहले जैसी तीव्र नहीं है। पिछली लहरों में दो दिन में केस दोगुने हो जाते थे, लेकिन अब यह रफ्तार काफी धीमी है।
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नए वैरिएंट से पूर्व इम्युनिटी पर प्रभाव: उन्होंने बताया कि नए उप-संस्करण अभी तक टीकाकरण या पूर्व संक्रमण से मिली प्रतिरक्षा को बड़े पैमाने पर चकमा नहीं दे रहे हैं।
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गंभीर मामलों का प्रतिशत: अभी तक की रिपोर्टों में यह बात स्पष्ट हुई है कि अधिकांश मरीजों में लक्षण हल्के हैं और बिना किसी सह-रोग (comorbidity) के गंभीर बीमारी की दर बहुत कम है।
डॉ. बेहल ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है लेकिन डरने की आवश्यकता नहीं बताई। उन्होंने कहा, “हमें सतर्क रहना चाहिए और हमेशा तैयार रहना चाहिए।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की प्रतिक्रिया
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में LF.7 और NB.1.8.1 को "Variants Under Monitoring" की श्रेणी में रखा है। संगठन ने 23 मई को जारी बयान में कहा कि वर्तमान आंकड़े यह संकेत नहीं देते कि ये वैरिएंट अन्य मौजूदा वैरिएंट्स की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनते हैं।
WHO ने यह भी कहा है कि वर्तमान में अनुमोदित कोविड-19 टीके इन वैरिएंट्स के विरुद्ध लक्षणात्मक और गंभीर बीमारी से सुरक्षा देने में सक्षम हैं।
निष्कर्ष: क्या भारत को एक और कोविड लहर की चिंता करनी चाहिए?
हालांकि कोविड मामलों में तेज़ वृद्धि ज़रूर दर्ज की जा रही है, लेकिन संक्रमण की गंभीरता कम होने और अस्पताल में भर्ती होने की दर स्थिर रहने के कारण विशेषज्ञों का मानना है कि यह लहर पहले की तरह विनाशकारी नहीं होगी। फिर भी, मास्क पहनना, हाथ धोना, सार्वजनिक जगहों पर सावधानी बरतना और नियमित टीकाकरण जैसे एहतियाती उपायों को फिर से अपनाना आवश्यक हो गया है।
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