वाशिंगटन, 27 मई 2025 — अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में पुतिन को चेतावनी दी कि “वह आग से खेल रहे हैं” और यह भी दावा किया कि अगर वह (ट्रंप) राष्ट्रपति न होते, तो “रूस के साथ वाकई में बहुत बुरा हो चुका होता।”
ट्रंप ने यह बयान मंगलवार रात अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर साझा किया। उन्होंने लिखा:
“व्लादिमीर पुतिन को समझ नहीं आ रहा है कि अगर मैं नहीं होता, तो रूस के साथ कई बहुत बुरी घटनाएं हो चुकी होतीं। वह सचमुच आग से खेल रहे हैं!”
🔴 पुतिन को बताया 'पागल'
ट्रंप ने सोमवार को भी पुतिन के खिलाफ बेहद आक्रामक भाषा का प्रयोग किया था। उन्होंने कहा था:
“मैंने हमेशा व्लादिमीर पुतिन के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे, लेकिन अब कुछ बदल गया है। वह पूरी तरह पागल हो गए हैं और बेवजह लोगों की जान ले रहे हैं — और मैं केवल सैनिकों की बात नहीं कर रहा।”
ट्रंप की इस टिप्पणी को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने काफी गंभीरता से लिया है, क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध अब चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
🟡 क्रेमलिन की प्रतिक्रिया: 'भावनात्मक बोझ'
रूसी सरकार की ओर से ट्रंप के इन बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि ट्रंप शायद “भावनात्मक बोझ” के तहत ऐसी बातें कर रहे हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा:
“हम अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप के आभारी हैं कि उन्होंने शांति वार्ता की प्रक्रिया शुरू कराने में मदद की थी। यह समय संवेदनशील है, और शायद इसी कारण उनके बयान इतने तीव्र हैं।”
🔺 यूक्रेन में फिर हुआ रूसी हमला, मासूमों की मौत
ट्रंप के बयान ऐसे समय में आए हैं जब हाल ही में रूस ने यूक्रेन के 30 से अधिक शहरों और गांवों पर हमला किया। इस हमले में कम से कम 12 लोग मारे गए, जिनमें तीन मासूम बच्चे भी शामिल हैं।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने अमेरिका की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा:
“वॉशिंगटन की खामोशी पुतिन को और अधिक हिंसा के लिए प्रोत्साहित कर रही है। रूस पर सख्त दबाव और कड़े प्रतिबंध आवश्यक हैं।”
🟢 शांति वार्ता के लिए पुतिन-ट्रंप की बैठक की जरूरत: ट्रंप
हाल ही में ट्रंप ने यह भी दावा किया था कि जब तक “पुतिन और मैं आमने-सामने नहीं बैठते, तब तक युद्ध समाप्त नहीं हो सकता।” इस्तांबुल में प्रस्तावित शांति वार्ता में पुतिन की गैर-मौजूदगी पर ट्रंप ने कहा:
“यह पहले से ही साफ था कि पुतिन इस बैठक को नजरअंदाज करेंगे। युद्ध का समाधान तभी निकलेगा जब पुतिन और मैं साथ बैठेंगे।”
✅ निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच बयानबाज़ी ने रूस-यूक्रेन संकट को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में ला दिया है। एक ओर जहां ट्रंप खुद को संकटमोचक के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, वहीं रूस इन टिप्पणियों को ‘भावनात्मक प्रतिक्रिया’ कहकर नजरअंदाज कर रहा है। आने वाले समय में यह देखना रोचक होगा कि क्या ट्रंप की कूटनीतिक पहल किसी वास्तविक शांति प्रक्रिया की ओर ले जाती है या यह केवल चुनावी बयानबाज़ी बनकर रह जाती है।
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