परिचय: जब चुप्पी टूटती है, तो सन्नाटा बोलने लगता है
तमिल फिल्म इंडस्ट्री के प्रसिद्ध अभिनेता रवि मोहन और उनकी पत्नी आरती रवि की निजी ज़िंदगी बीते एक साल से सुर्खियों में बनी हुई है। पिछले साल जब रवि मोहन ने अपनी 15 साल पुरानी शादी के टूटने की घोषणा की थी, तभी से इस अलगाव के पीछे की वजहों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। और अब जबकि रवि, आध्यात्मिक गायिका केनिशा फ्रांसिस के साथ एक शादी में शामिल होते नज़र आए, इस चर्चा को और हवा मिल गई है।
इस सार्वजनिक घटनाक्रम के बाद आरती रवि ने पहली बार इंस्टाग्राम पर एक बेहद भावनात्मक और स्पष्ट बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने चुप्पी साधे रखने के पीछे की वजहें, बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी, घर से बेदखली की स्थिति और भावनात्मक टूटन को लेकर गहराई से बात की है।
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18 साल की साथ निभाने वाली पत्नी की टूटी आवाज़: “अब भी तलाक़ प्रक्रिया चल रही है”
अपने बयान की शुरुआत करते हुए आरती रवि ने लिखा:
"एक साल तक मैंने खामोशी को कवच की तरह ओढ़े रखा। ये मेरी कमजोरी नहीं थी, बल्कि मेरे बेटों को शांति की ज़रूरत थी – मेरी आवाज़ से ज़्यादा।"
आरती बताती हैं कि उन्होंने हर आरोप, हर अफ़वाह, हर ताना चुपचाप सहा। उन्होंने यह इसलिए किया क्योंकि वे अपने बच्चों को माँ-बाप के बीच फँसने का बोझ नहीं देना चाहती थीं।
उनका दर्द तब और गहरा हो गया जब उन्होंने कहा:
"आज जब दुनिया सिर्फ सोशल मीडिया पर साझा की गई सजावटी तस्वीरों और कैप्शन को देखती है, हमारी असली ज़िंदगी उससे बहुत अलग है। मेरा तलाक अभी भी चल रहा है। लेकिन जिस इंसान के साथ मैंने 18 साल वफ़ा और भरोसे में बिताए – उसने सिर्फ़ मेरा साथ नहीं छोड़ा, बल्कि उन सभी जिम्मेदारियों से मुँह मोड़ लिया जो उसने कभी निभाने का वादा किया था।"
‘गोल्ड डिगर’ कहे जाने से लेकर घर छोड़ने की सलाह तक – एक अकेली माँ की आपबीती
आरती रवि ने अपने बयान में इस बात का भी खुलासा किया कि तलाक की प्रक्रिया के दौरान उन्हें ‘गोल्ड डिगर’ (लालची महिला) तक कहा गया। उन्हें उस घर से निकल जाने की सलाह दी गई जिसे उन्होंने कभी अपने बच्चों के साथ ‘घर’ बनाया था।
उन्होंने लिखा:
"मुझे उन गलियों से गुजरना पड़ा जहाँ मेरी पहचान को ही नकारा गया। मेरा संघर्ष एक ‘घरेलू विवाद’ नहीं बल्कि अस्तित्व की लड़ाई है – खुद को और अपने बेटों को सुरक्षित रखने की लड़ाई।"
रवि मोहन और केनिशा फ्रांसिस का वायरल वीडियो: क्या यह केवल दोस्ती है?
हाल ही में रवि मोहन और उनकी कथित गर्लफ्रेंड, गायिका और आत्मिक उपचारकर्ता केनिशा फ्रांसिस एक शादी समारोह में एक ही रंग के (गोल्ड) कपड़ों में देखे गए। उनका साथ आना और साथ फोटो खिंचवाना मीडिया के लिए एक और संकेत बन गया कि दोनों के बीच सिर्फ़ दोस्ती नहीं, शायद और भी बहुत कुछ है।
इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही आरती का यह बयान सामने आया है, जिससे यह साफ़ हो गया है कि अब भी उनका तलाक़ कानूनी रूप से पूरा नहीं हुआ है, और वे आज भी इस रिश्ते के असर को अकेले झेल रही हैं।
बच्चों की खातिर मां ने चुनी चुप्पी, अब सवाल है – क्या कोई सुन रहा है?
आरती रवि का यह बयान केवल एक महिला का दिल दुखाने वाला अनुभव नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज में तलाक के बाद महिलाओं की स्थिति, न्याय प्रक्रिया की लंबी और पीड़ादायक यात्रा, और सोशल मीडिया पर झूठी चमक की पड़ताल करने वाला आईना है।
उनकी यह बात बेहद मार्मिक और यथार्थपूर्ण है:
"जब कोई साथ छोड़ता है, तो केवल रिश्ता नहीं टूटता, बल्कि वादे, ज़िम्मेदारियाँ और भावनाओं की नींव भी दरक जाती है।"
निष्कर्ष: तलाक़ केवल कानूनी प्रक्रिया नहीं, एक भावनात्मक भूकंप भी है
आरती रवि का यह बयान हमें याद दिलाता है कि सेलेब्रिटी का जीवन भले ही सोशल मीडिया पर चमकता हुआ दिखे, लेकिन पर्दे के पीछे दर्द, टूटन और अकेलापन भी उतना ही हक़ीक़त है। उनकी आवाज़ अब सिर्फ एक महिला की नहीं, उन सभी लोगों की प्रतिनिधि बन गई है जो तलाक, अलगाव और भावनात्मक संघर्ष के दौर से गुज़र रहे हैं।
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