चैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारत के दिग्गज तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने अपने करियर में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ दुबई में खेले गए ग्रुप ए के मुकाबले में अपने वनडे करियर का 200वां विकेट लिया, जिससे वह पुरुष वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 200 विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए। इस मामले में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क को भी पीछे छोड़ दिया।
शमी ने रचा इतिहास
शमी ने यह रिकॉर्ड 104वें मैच में अपने 5126वें गेंद पर हासिल किया, जबकि स्टार्क ने 102 मैचों में 5240 गेंदों में यह उपलब्धि हासिल की थी। इसके अलावा, शमी ने भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत आगरकर का 21 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। आगरकर ने 2004 में 133 वनडे मैचों में यह मुकाम हासिल किया था।
शमी का यह ऐतिहासिक विकेट बांग्लादेश की पारी के दौरान तब आया जब उन्होंने जैकर अली और तौहीद हृदॉय के बीच 154 रनों की मजबूत साझेदारी को तोड़ा। यह विकेट भारत के लिए महत्वपूर्ण था क्योंकि बांग्लादेश की यह जोड़ी अंतिम ओवरों में बड़ा स्कोर खड़ा करने की कोशिश कर रही थी।
सबसे तेज 200 वनडे विकेट लेने वाले गेंदबाज
- मोहम्मद शमी - 5126 गेंदें - 104 मैच
- मिशेल स्टार्क - 5240 गेंदें - 102 मैच
- साकलैन मुश्ताक - 5451 गेंदें - 104 मैच
- ब्रेट ली - 5640 गेंदें - 112 मैच
- ट्रेंट बोल्ट - 5783 गेंदें - 107 मैच
शानदार फॉर्म में दिखे शमी
भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में शमी ने नई गेंद के साथ शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ मैच में सौम्य सरकार और मेहदी हसन मिराज के विकेट चटकाए, जिससे बांग्लादेश की टीम 9वें ओवर में महज 35 रनों पर 5 विकेट गंवा चुकी थी। हालांकि, इसके बाद बांग्लादेश की टीम को कुछ जीवनदान मिले, जिससे वे सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच सके।
चोट से उबरकर किया जबरदस्त कमबैक
शमी पिछले साल 2023 वनडे वर्ल्ड कप के बाद से प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर थे। उन्हें टखने की गंभीर चोट लगी थी, जिसके बाद सर्जरी करानी पड़ी। उनकी वापसी की प्रक्रिया में घुटने की चोट भी जुड़ गई, जिससे वह मैदान से 14 महीने तक बाहर रहे। इस दौरान उन्होंने अपने करियर को लेकर संदेह भी जताया।
आईसीसी से बातचीत में शमी ने कहा था, "विश्व कप में शानदार फॉर्म में रहने के बाद अचानक ऑपरेशन टेबल पर जाना बेहद मुश्किल था। पहले दो महीनों तक मुझे खुद पर संदेह था कि क्या मैं दोबारा खेल भी पाऊंगा या नहीं। इतने लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहना मानसिक रूप से भी बहुत चुनौतीपूर्ण था।"
लेकिन उन्होंने जनवरी 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ व्हाइट-बॉल सीरीज से शानदार वापसी की और अब चैंपियंस ट्रॉफी में अपना जलवा बिखेर रहे हैं।
शमी की नजरें आगे की चुनौतियों पर
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत का अभियान अभी जारी है और मोहम्मद शमी अपनी लय को बरकरार रखते हुए भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाना चाहेंगे।
उनकी यह उपलब्धि भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का विषय है और आने वाले समय में वे और भी रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
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