नई दिल्ली, 22 जनवरी 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र, आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें मध्यवर्ग की जरूरतों और कल्याण को प्राथमिकता दी गई है। आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह घोषणापत्र जारी करते हुए केंद्र सरकार से आगामी केंद्रीय बजट में 7 प्रमुख मांगों को शामिल करने का आग्रह किया।
घोषणापत्र की प्रमुख बातें
घोषणापत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, कर राहत और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर विशेष जोर दिया गया है। केजरीवाल ने कहा कि ये मांगें मध्यवर्ग पर बढ़ते आर्थिक दबाव को कम करने और लंबे समय से उपेक्षित मुद्दों का समाधान करने के उद्देश्य से तैयार की गई हैं।
आप की 7 प्रमुख मांगें:
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शिक्षा क्षेत्र में निवेश बढ़ाना:
- शिक्षा बजट को मौजूदा 2% से बढ़ाकर 10% किया जाए।
- निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं।
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उच्च शिक्षा में सहायता:
- उच्च शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने हेतु सब्सिडी और छात्रवृत्ति प्रदान की जाए।
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स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाना:
- स्वास्थ्य बजट को 10% तक बढ़ाया जाए।
- स्वास्थ्य बीमा पर से कर समाप्त किया जाए।
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कर सुधार:
- आयकर छूट की सीमा को ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख किया जाए।
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आवश्यक वस्तुओं पर कर राहत:
- आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी को पूरी तरह समाप्त किया जाए।
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वरिष्ठ नागरिकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं:
- मजबूत पेंशन योजनाओं को लागू किया जाए।
- सभी अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं।
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यात्रा में रियायत:
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेल यात्रा में 50% की छूट दी जाए।
अरविंद केजरीवाल ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा, “हमने हमेशा करदाताओं के पैसे का उपयोग जनता की भलाई के लिए किया है। शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार लाकर हमने मध्यवर्ग को राहत देने का प्रयास किया है। बिजली और पानी के बिलों में कमी से लेकर सरकारी अस्पतालों के बुनियादी ढांचे को सुधारने तक, हमारी सरकार ने लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का काम किया है।”
बीजेपी पर तीखा हमला
घोषणापत्र जारी करने के बाद, आप नेताओं ने बीजेपी पर तीखे प्रहार किए। पार्टी नेता आतिशी ने बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी और उनके समर्थकों पर "गुंडागर्दी" और आप कार्यकर्ताओं को धमकाने का आरोप लगाया।
आतिशी ने कहा, “कालकाजी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के कार्यकर्ता आप कार्यकर्ताओं को धमका रहे हैं। रमेश बिधूड़ी के कथित भतीजे प्रचार सामग्री को छीनकर जला रहे हैं। इससे क्षेत्र में भय का माहौल पैदा हो गया है।”
अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर कहा, “बीजेपी पूरे दिल्ली में गुंडागर्दी पर उतर आई है। हिंसा का सहारा वही पार्टी लेती है, जो शांति से चुनाव जीतने की उम्मीद छोड़ चुकी हो। इस बार बीजेपी को ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ेगा। यह चुनाव इतिहास में दर्ज होगा।”
दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होंगे और मतगणना 8 फरवरी को होगी। इस बार मुकाबला तीन प्रमुख पार्टियों—आप, बीजेपी और कांग्रेस—के बीच है।
2020 के विधानसभा चुनाव में आप ने 70 में से 62 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी सिर्फ 8 सीटें जीत पाई थी। कांग्रेस, जो 15 साल तक दिल्ली की सत्ता में काबिज रही, लगातार दो चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत सकी।
चुनावी माहौल गर्माया
घोषणापत्र के जारी होने और आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर ने दिल्ली की राजनीति को और गर्मा दिया है। जहां आप ने मध्यवर्ग के कल्याण को केंद्र में रखा है, वहीं बीजेपी और कांग्रेस अपनी रणनीति के साथ मैदान में उतर रही हैं।
दिल्ली के मतदाता अब यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि 2025 का चुनाव राजधानी की राजनीति में क्या नया मोड़ लेकर आएगा।
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