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टीसीएस वेतन वृद्धि 2025: कर्मचारियों की तनख्वाह बढ़ोतरी पर क्या बोली कंपनी? पहली तिमाही के नतीजों के बाद HR प्रमुख का बयान

 ✍🏻 Z S Razzaqi |वरिष्ठ पत्रकार 

नई दिल्ली, 10 जुलाई 2025 — देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के नतीजों की घोषणा के बाद वेतन वृद्धि को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। कंपनी ने कहा है कि इस वर्ष अभी तक कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

टीसीएस के कार्यकारी उपाध्यक्ष और मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (CHRO) मिलिंद लकड़ ने 10 जुलाई को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,

“वेतन वृद्धि को लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।”

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वेतन वृद्धि की अनिश्चितता क्यों?

TCS ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में ही संकेत दिया था कि वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते वेतन वृद्धि को टाल दिया गया है। उस समय कंपनी ने कहा था कि वेतन वृद्धि पूरे वर्ष में कभी भी दी जा सकती है, यह कंपनी के व्यापारिक प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।

लकड़ ने कहा था,

“वर्तमान वैश्विक माहौल अनिश्चित है, ऐसे में हम वर्ष के किसी भी समय वेतन वृद्धि पर निर्णय ले सकते हैं।”

कंपनी का प्रदर्शन: मुनाफे में बढ़ोतरी, लेकिन वेतन वृद्धि पर चुप्पी

टीसीएस ने 10 जुलाई को Q1 परिणाम जारी करते हुए बताया कि अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में कंपनी का समेकित शुद्ध मुनाफा ₹12,760 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही के ₹12,040 करोड़ की तुलना में 6% अधिक है।
राजस्व की बात करें तो कंपनी की कुल आय ₹63,437 करोड़ रही, जो पिछले साल की समान अवधि में ₹62,613 करोड़ थी – यानी 1.3% की बढ़ोतरी

बढ़ता एट्रिशन और हायरिंग के नए आंकड़े

कंपनी के एट्रिशन रेट (छोड़कर जाने वाले कर्मचारियों की दर) में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। TCS का LTM (Last Twelve Months) आधारित एट्रिशन रेट अब 13.8% पहुंच गया है, जो कि पिछली तिमाही में 13.3% था। यह कंपनी की सहनशीलता सीमा 13% से अधिक है।

मिलिंद लकड़ ने इसे लेकर चिंता जताई और कहा,

“यह दर हमारी सहनशील सीमा से अधिक है। हम इसे नीचे लाने के लिए प्रयासरत हैं।”

हालांकि एट्रिशन रेट में वृद्धि के बावजूद, TCS ने 5,000 से अधिक नए कर्मचारियों की भर्ती की है। अब कंपनी में कुल कार्यबल संख्या 613,069 हो गई है, जो पिछली तिमाही में 607,979 थी।

भारत की IT इंडस्ट्री की बड़ी तस्वीर

भारत की IT सेवाएं न केवल देश के प्रमुख रोजगार क्षेत्रों में से एक हैं, बल्कि आर्थिक योगदान के मामले में भी शीर्ष पर हैं। इंडियन ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (IBEF) के आंकड़ों के अनुसार:

  • वित्त वर्ष 2021-22 में IT उद्योग की वैल्यू $227 बिलियन रही, जो सालाना 15.5% की वृद्धि थी।

  • वित्त वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा $245 बिलियन तक पहुंच गया।

  • अनुमान है कि 2026 तक यह उद्योग $380 बिलियन का योगदान देश की GDP में करेगा और 1.4 करोड़ नौकरियां पैदा करेगा।

निष्कर्ष:-

TCS जैसी बड़ी IT कंपनी का वेतन वृद्धि पर निर्णय टलना संकेत है कि वैश्विक बाजार की अनिश्चितताएं अभी भी इस क्षेत्र को प्रभावित कर रही हैं। हालांकि कंपनी का प्रदर्शन वित्तीय रूप से सकारात्मक रहा है, लेकिन वेतन वृद्धि की स्पष्ट घोषणा ना होना कर्मचारियों में अनिश्चितता को बढ़ा सकता है। एट्रिशन दर में बढ़ोतरी और भर्ती में विस्तार – ये दोनों संकेत हैं कि TCS अपनी प्रतिभा को बनाए रखने और बढ़ाने की दोहरी चुनौती से जूझ रही है।

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