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कर्नाटक बजट 2025: बेहतरी की दिशा में एक साहसिक कदम

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार, 7 मार्च 2025 को राज्य का 16वां बजट पेश किया। इस बजट का कुल आकार ₹4.095 लाख करोड़ है, जिसमें राज्य के समग्र विकास को प्राथमिकता दी गई है। बजट में बेंगलुरु के बुनियादी ढांचे, महिलाओं, बच्चों, अल्पसंख्यकों और अन्य वर्गों के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है। आइए, इस बजट की मुख्य विशेषताओं पर एक नजर डालते हैं।


बेंगलुरु के लिए विशेष प्रावधान

राजधानी बेंगलुरु के लिए ₹7,000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें 'ब्रांड बेंगलुरु' पहल के तहत 21 प्रमुख परियोजनाओं के लिए ₹1,800 करोड़ निर्धारित किए गए हैं। इस पहल के तहत बेंगलुरु को एक विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जाएगा।

  • स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा निवेश: अगले तीन वर्षों में ₹413 करोड़ की लागत से 'कम्प्रिहेंसिव हेल्थ प्रोग्राम' लागू किया जाएगा, जिससे बेंगलुरु को वैश्विक स्वास्थ्य मानकों वाला शहर बनाया जा सके।
  • यातायात सुधार: बेंगलुरु में ट्रैफिक समस्या के समाधान हेतु ₹8,916 करोड़ की लागत से 40.5 किलोमीटर लंबा डबल डेकर फ्लाईओवर बनाया जाएगा। साथ ही, 'नम्मा मेट्रो' के तीसरे चरण के तहत शहर में यातायात को सुगम बनाने के लिए बड़े पैमाने पर सुधार किए जाएंगे।
  • सड़क नेटवर्क का विस्तार: शहर में 300 किलोमीटर नई सड़कों के निर्माण के लिए ₹3,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
  • जल आपूर्ति व्यवस्था: कावेरी जल आपूर्ति परियोजना के पांचवें चरण के लिए ₹555 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जिससे बेंगलुरु के 110 गांवों को पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।
  • बाढ़ और जल निकासी: शहर में जलभराव की समस्या को दूर करने और जल निकासी प्रणाली को मजबूत करने के लिए ₹3,000 करोड़ की धनराशि निर्धारित की गई है।
  • शैक्षिक सुधार: बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर 'डॉ. मनमोहन सिंह बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी' रखा जाएगा।
  • स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार: बेंगलुरु उत्तर में ₹150 करोड़ की लागत से 200 बिस्तरों वाले अस्पताल का निर्माण किया जाएगा।
  • बाजार व्यवस्थाओं में सुधार: शहर के बाहरी क्षेत्रों में एक नया सैटेलाइट मार्केट स्थापित किया जाएगा, जिससे बाजारों में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।

पूंजीगत निवेश और राजकोषीय प्रबंधन

इस बजट में ₹82,000 करोड़ पूंजीगत निवेश के लिए आवंटित किए गए हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के अनुसार, इससे कर्नाटक को देश के सबसे अधिक पूंजी निवेश करने वाले राज्यों में शामिल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, शराब की कीमतों को समीक्षाधीन रखा गया है और इन्हें पड़ोसी राज्यों के स्तर तक बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।

अल्पसंख्यक समुदायों के लिए कल्याणकारी योजनाएं

सरकार ने अल्पसंख्यकों के विकास हेतु कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं:

  • जैन, बौद्ध और सिख समुदायों के समग्र विकास के लिए ₹100 करोड़ का प्रावधान।
  • ईसाई समुदाय के विकास के लिए ₹250 करोड़ का आवंटन।
  • कलबुर्गी जिले के चित्तापुर तालुका स्थित प्राचीन बौद्ध केंद्र 'सन्नति' के विकास के लिए 'सन्नति विकास प्राधिकरण' की स्थापना।
  • वक्फ संपत्तियों के सुधार, अवसंरचना विकास और मुस्लिम कब्रिस्तानों के संरक्षण के लिए ₹150 करोड़ का प्रावधान।
  • कर्नाटक माइनॉरिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के माध्यम से अल्पसंख्यक युवाओं को स्टार्टअप्स शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति योजना के तहत अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति राशि ₹20 लाख से बढ़ाकर ₹30 लाख की गई।

महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष योजनाएं

सरकार ने महिलाओं और बच्चों के विकास को प्राथमिकता देते हुए उनके लिए बड़ी धनराशि आवंटित की है।

  • महिला केंद्रित योजनाओं के लिए ₹94,084 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है।
  • बच्चों से संबंधित योजनाओं के लिए ₹62,033 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
  • राज्य में अल्पसंख्यक महिलाओं और बच्चियों की शिक्षा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विभिन्न योजनाएं लागू की जाएंगी।

धार्मिक और सामाजिक योजनाएं

सरकार ने धार्मिक गुरुओं और पुजारियों के वेतन में भी वृद्धि की है:

  • मंदिरों के पुजारियों का वार्षिक वेतन ₹60,000 से बढ़ाकर ₹72,000 किया गया।
  • जैन संतों, सिखों के मुख्य ग्रंथि और मस्जिदों के पेश-इमामों का मासिक वेतन ₹6,000 किया गया।
  • सहायक ग्रंथि और मुअज्जिन का वेतन ₹5,000 प्रति माह कर दिया गया।
  • बेंगलुरु में हज भवन के विस्तार के लिए एक नई इमारत का निर्माण किया जाएगा, जिससे हज यात्रियों और उनके परिवारों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

अन्य प्रमुख घोषणाएं

  • कर्नाटक में अपना खुद का ओटीटी प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जाएगा, जिससे कन्नड़ भाषा और संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
  • मल्टीप्लेक्स में टिकट की अधिकतम कीमत ₹200 तय कर दी गई है।
  • आर्थिक संकट से जूझ रहे पत्रकारों की मासिक पेंशन ₹12,000 से बढ़ाकर ₹15,000 की गई, जबकि पारिवारिक पेंशन ₹6,000 से बढ़ाकर ₹7,500 की गई।

निष्कर्ष:-

कर्नाटक बजट 2025 राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है। इसमें बेंगलुरु के विकास, महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है। साथ ही, पूंजीगत निवेश को बढ़ावा देकर राज्य की अर्थव्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा प्रस्तुत यह बजट कर्नाटक के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो आने वाले वर्षों में राज्य की समृद्धि में अहम भूमिका निभाएगा।

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