दिल्ली की राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजधानी में अपनी ऐतिहासिक जीत के बाद सरकार गठन की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। आगामी कुछ दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
भाजपा विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक अब 19 फरवरी को
दिल्ली में भाजपा विधायक दल की बैठक, जिसे पहले 17 फरवरी को आयोजित किया जाना था, अब 19 फरवरी 2025 को दिल्ली भाजपा राज्य कार्यालय में आयोजित की जाएगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, बैठक की तिथि में यह बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी दौरे से लौटने के कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस बैठक में न केवल विधायक दल का नेता चुना जाएगा, बल्कि सरकार गठन की प्रक्रिया पर भी विस्तार से चर्चा होगी।
शपथ ग्रहण समारोह 20 फरवरी को
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह अब 20 फरवरी को आयोजित होगा, जबकि पहले यह आयोजन 19 फरवरी को प्रस्तावित था। भाजपा के रणनीतिकारों ने इस एक दिन के अंतराल को बेहद महत्वपूर्ण बताया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय नेतृत्व के बीच समन्वय बना रहे और अंतिम निर्णय पर सभी की सहमति हो। यह आयोजन दिल्ली में 27 वर्षों के बाद भाजपा की सत्ता में वापसी का प्रतीक होगा।
पीएम मोदी की वापसी के बाद सरकार गठन की प्रक्रिया तेज
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने मीडिया से बातचीत में बताया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात अपने विदेशी दौरे से लौट रहे हैं। कल या परसों हमारी संसदीय बोर्ड की बैठक होगी और उसके बाद दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का नाम सबके सामने होगा।” यह बयान स्पष्ट करता है कि भाजपा नेतृत्व इस बार दिल्ली की सत्ता को लेकर पूरी तरह सतर्क और संगठित है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के ऐतिहासिक नतीजे
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 70 में से 48 सीटों पर विजय प्राप्त की, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) 22 सीटों तक सिमट गई। कांग्रेस के लिए यह चुनाव एक और बुरी खबर लेकर आया, क्योंकि पार्टी लगातार तीसरी बार राजधानी में खाता खोलने में नाकाम रही। इस शानदार जीत के बाद दिल्ली के राजनीतिक भविष्य पर भाजपा का नियंत्रण और मजबूत हो गया है।
नए मुख्यमंत्री के लिए प्रमुख नामों की चर्चा
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री पद के लिए कई प्रमुख नाम चर्चा में हैं। इनमें सबसे आगे परवेश वर्मा और रमेश बिधूड़ी का नाम लिया जा रहा है। परवेश वर्मा ने नई दिल्ली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और निवर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराकर सबको चौंका दिया। वहीं, रमेश बिधूड़ी ने कालकाजी सीट पर कांटे की टक्कर में पूर्व मंत्री आतिशी को पराजित किया। इन दोनों नेताओं का राजनीतिक अनुभव और संगठन पर पकड़ भाजपा के लिए एक बड़ा सकारात्मक पहलू मानी जा रही है।
भाजपा की सत्ता में वापसी का ऐतिहासिक क्षण
दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में इस समय भाजपा के संभावित मुख्यमंत्री और सरकार के स्वरूप को लेकर जबरदस्त उत्सुकता है। यह चुनाव न केवल भाजपा की रणनीतिक कुशलता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि दिल्ली के मतदाता एक नए नेतृत्व के लिए तैयार हैं।
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जैसे-जैसे शपथ ग्रहण की तारीख नजदीक आ रही है, दिल्ली की राजनीति में हलचल तेज होती जा रही है। भाजपा के अगले कदम और नए मुख्यमंत्री के नाम की औपचारिक घोषणा के लिए हमारे साथ जुड़े रहें। हम आपको दिल्ली की नई सरकार के हर अहम घटनाक्रम से अवगत कराते रहेंगे।
दिल्ली में 27 वर्षों के बाद भाजपा की सत्ता में वापसी के इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए पूरा देश उत्सुक है। क्या यह बदलाव राजधानी की दिशा और दशा को नई ऊर्जा और विकास की ओर ले जाएगा? इसका जवाब आने वाले दिनों में मिल जाएगा।
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