शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र की महायुति सरकार पर विभागों के आवंटन में देरी को लेकर कड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद भी विभागों का बंटवारा नहीं किया गया है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में रुकावट आ रही है और कानून-व्यवस्था से जुड़े कई मुद्दों पर जवाबदेही तय नहीं हो पा रही है।
महायुति सरकार की बड़ी जीत के बावजूद सवाल
हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 235 सीटों के साथ बड़ी जीत हासिल की। भाजपा ने 132 सीटें, शिवसेना ने 57 सीटें, और एनसीपी (अजीत पवार गुट) ने 41 सीटें जीतीं। इसके बावजूद, राउत ने यह मुद्दा उठाया कि इतने बड़े बहुमत वाली सरकार विभागों का आवंटन करने में क्यों असफल हो रही है।
प्रशासनिक कार्यों में रुकावट
संजय राउत ने कहा कि विभागों का आवंटन न होने से प्रशासनिक कार्य बाधित हो रहे हैं, जिससे राज्य की जनता प्रभावित हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि स्पष्ट बहुमत के बावजूद विभागों के आवंटन में हो रही देरी सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करती है।
विपक्ष की कड़ी आलोचना
राउत ने इस देरी को लोकतंत्र के लिए चिंताजनक बताया और कहा कि यह राज्य के विकास में बड़ी बाधा बन रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार इस मुद्दे पर पारदर्शिता दिखाए और जल्द से जल्द विभागों का आवंटन सुनिश्चित करे, ताकि प्रशासनिक और विकासात्मक कार्य पटरी पर आ सकें।
लोकतंत्र पर असर
संजय राउत ने कहा कि महायुति सरकार को यह समझना होगा कि जनता ने उन्हें जिम्मेदारी सौंपी है। विभागों के आवंटन में हो रही देरी जनता के विश्वास को कमजोर कर सकती है। उन्होंने सरकार से इस देरी के पीछे के कारणों को स्पष्ट करने की मांग की।
यह मामला केवल विभागों के आवंटन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि क्या सरकार अपने वादों और प्राथमिकताओं को सही तरीके से लागू कर पा रही है। अब यह देखना होगा कि महायुति सरकार इस आलोचना का जवाब कैसे देती है।