20 अक्टूबर 2025 ✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार
संघर्षविराम की शर्तें टूटीं, शांति की उम्मीद धुंधली
गाज़ा पट्टी में 10 अक्तूबर को संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता में एक संघर्षविराम समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों पक्षों को सैन्य कार्रवाई रोकने का वादा करना था। लेकिन फ़िलिस्तीनी नागरिकों के अनुसार, यह समझौता अब सिर्फ़ नाम मात्र का रह गया है।
गाज़ा सिटी के व्यवसायी अबू अब्दुल्लाह ने रॉयटर्स से कहा,
“मुझे लगा मेरा दिल नीचे गिर गया, ऐसा लगा जैसे संघर्षविराम ख़त्म हो गया हो। लोग डर के मारे खाने-पीने का सामान जमा करने लगे और व्यापारियों ने दाम बढ़ा दिए। हालात बेहद नाज़ुक हैं।”
24 घंटे में 57 नई मौतें, अस्पतालों में लाशों का अंबार
गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि पिछले 24 घंटों में 57 शव विभिन्न अस्पतालों में लाए गए, जिनमें महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक है।
अक्टूबर 2023 से अब तक, इज़रायली हमलों में 68,216 फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और 1,70,000 से अधिक घायल हुए हैं।
यह आँकड़ा गाज़ा पट्टी के लगभग हर परिवार को प्रभावित करता है, जहाँ कई पीढ़ियाँ लगातार हिंसा का सामना कर रही हैं।
दक्षिण लेबनान पर भी इज़रायली हमले, सीमा पर फिर तनाव
इज़रायल ने संघर्षविराम समझौते के बावजूद दक्षिण लेबनान के नबातियेह क्षेत्र पर हवाई हमला किया।
इज़रायली सेना का दावा है कि उसने हिज़्बुल्लाह के ठिकानों और ढाँचों को निशाना बनाया, हालांकि इस दावे के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया गया।
यह हमला उस समय हुआ जब अमेरिका की मध्यस्थता में इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच एक समझौता हुआ था, जिसने पिछले वर्ष की दो महीने लंबी लड़ाई को समाप्त किया था।
पश्चिमी तट में ज़मीन कब्ज़ा: 70,000 वर्गमीटर इलाक़ा इज़रायल के नियंत्रण में
रमल्ला स्थित कॉलोनाइज़ेशन एंड वॉल रेसिस्टेंस कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक़, इज़रायल ने नब्लुस गवर्नरेट में 70,000 वर्गमीटर (7,45,000 वर्ग फीट) ज़मीन जब्त कर ली है।
यह ज़मीन “सैन्य और सुरक्षा ज़रूरतों” के नाम पर ली गई है, लेकिन आयोग का कहना है कि इसका असली उद्देश्य एलि (Eli) बस्ती के आसपास बफर ज़ोन तैयार करना है।
रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक इज़रायल 53 सैन्य ज़ब्ती आदेश जारी कर चुका है ताकि पश्चिमी तट पर अपने नियंत्रण का विस्तार किया जा सके।
पत्रकारों पर निशाना: अब तक 270 से ज़्यादा मीडियाकर्मी मारे गए
गाज़ा में मीडिया कर्मियों की स्थिति बेहद भयावह होती जा रही है।
जर्मन पब्लिक ब्रॉडकास्टर ZDF ने बताया कि उसके स्थानीय मीडिया पार्टनर पैलेस्टाइन मीडिया प्रोडक्शन (PMP) के एक इंजीनियर और एक 8 वर्षीय बच्चे की मौत इज़रायली हमले में हो गई।
यह घटना देइर अल-बलह क्षेत्र में हुई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, यह अब तक का सबसे घातक संघर्ष पत्रकारों के लिए साबित हुआ है।
विश्व युद्धों, वियतनाम, अफग़ानिस्तान और यूगोस्लाविया युद्धों में हुई पत्रकारों की मौतों की तुलना में यह आंकड़ा कहीं अधिक है — 270 से भी ज़्यादा पत्रकार मारे जा चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय आलोचना तेज़, लेकिन संयुक्त राष्ट्र असहाय
संयुक्त राष्ट्र के राहत समन्वयक (UN Relief Coordinator) ने गाज़ा सिटी का दौरा कर तबाही का जायज़ा लिया।
उन्होंने कहा कि “गाज़ा मानवीय आपदा के कगार पर है, और मौजूदा युद्धविराम अब सिर्फ़ औपचारिकता रह गया है।”
हालाँकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों ने इज़रायल की निंदा करने वाले प्रस्ताव को फिर से “वीटो” कर दिया, जिससे फ़िलिस्तीनी पक्ष और अधिक निराश हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति में विभाजन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार जैरेड कुश्नर ने कहा कि इज़रायल को “फ़िलिस्तीनियों के जीवन में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, क्योंकि यही मध्य पूर्व में स्थायी शांति का रास्ता है।”
हालांकि, दोहा इंस्टिट्यूट के प्रोफेसर मोहम्मद एलमासरी का कहना है कि ट्रंप प्रशासन “इज़रायल समर्थक” होने के बावजूद अब उसकी कार्रवाइयों से खीज महसूस करने लगा है।
“अमेरिका अब अपने ही बनाए संघर्षविराम की विश्वसनीयता खोने के डर में है,” एलमासरी ने कहा।
“यदि इज़रायल इसी तरह अंतरराष्ट्रीय समझौतों की अवहेलना करता रहा, तो यह अमेरिका की मध्यस्थता को एक मज़ाक बना देगा।”
राहत सामग्री के प्रवेश पर इज़रायली नियंत्रण
गाज़ा में राहत पहुँचाने वाले दो सीमांत मार्ग — करेम अबू सालेम (केरम शालोम) और अल-करारा (किसूफिम) — के ज़रिए रविवार को भोजन और दवाइयों से भरे दर्जनों ट्रक गाज़ा में दाखिल हुए।
हालाँकि, रफ़ा बॉर्डर क्रॉसिंग अब भी बंद है, जिससे गंभीर रूप से घायल लोगों की चिकित्सा निकासी (medical evacuation) असंभव बनी हुई है।
स्थानीय राहतकर्मियों के मुताबिक, गाज़ा की स्थिति “आंशिक सहायता से नियंत्रित नहीं हो सकती” और इसे “पूर्ण मानवीय गलियारा” (Humanitarian Corridor) की ज़रूरत है।
काहिरा में वार्ता: हमास प्रतिनिधिमंडल पहुँचा
इसी बीच, हमास का एक प्रतिनिधिमंडल क़तर और मिस्र के अधिकारियों से वार्ता के लिए काहिरा पहुँचा है।
एजेंसी रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बैठक में इज़रायल द्वारा रविवार को किए गए हमलों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें दर्जनों नागरिक मारे गए।
हमास अधिकारी खलील अल-हय्या के नेतृत्व में गया यह प्रतिनिधिमंडल एक अंतर-पैलेस्टिनी संवाद की रूपरेखा भी तय करेगा, जिसका उद्देश्य विभिन्न फ़िलिस्तीनी गुटों को एकजुट करना है।
फ़िलिस्तीनी जनता में भय और असुरक्षा का माहौल
गाज़ा की सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। दुकानों पर भीड़ तो है, लेकिन चेहरों पर चिंता और डर साफ़ झलकता है।
अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों के मुताबिक़, 20 लाख से अधिक लोग अब भी विस्थापन की स्थिति में हैं।
हर दिन के हमले लोगों के बीच इस डर को और गहरा कर रहे हैं कि कहीं यह “अस्थायी संघर्षविराम” एक और युद्ध की भूमिका न बन जाए।
निष्कर्ष:-
संघर्षविराम या झूठा विराम?
