मोहम्मद सलीम क्रिकेट रिपोर्टर
मैच का परिदृश्य: पर्थ की चुनौती और नई शुरुआत
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेले जा रहे पहले वनडे मुकाबले ने क्रिकेटप्रेमियों में जबरदस्त उत्साह भर दिया है। यह सिर्फ एक और द्विपक्षीय सीरीज़ नहीं, बल्कि दो विश्व स्तरीय टीमों की प्रतिष्ठा की लड़ाई है — एक ओर मौजूदा विश्व चैंपियन भारत, और दूसरी ओर चैंपियंस ट्रॉफी विजेता ऑस्ट्रेलिया।
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मिचेल मार्श ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फैसला किया, जिसके बाद भारत बल्लेबाज़ी करने उतरेगा।
भारतीय टीम की झलक: तीन ऑलराउंडर और एक नया चेहरा
इस मैच में नितीश कुमार रेड्डी ने वनडे करियर की शुरुआत की है। कप्तान रोहित शर्मा ने उन्हें भारत की वनडे कैप भेंट की — वही मैदान जहाँ उन्होंने 10 महीने पहले अपना टेस्ट डेब्यू किया था।
भारत की प्लेइंग XI:
शुभमन गिल (कप्तान), रोहित शर्मा, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), अक्षर पटेल, नितीश रेड्डी, वॉशिंगटन सुंदर, हर्षित राणा, अर्शदीप सिंह, मोहम्मद सिराज
कोच गौतम गंभीर ने एक बार फिर ऑलराउंडर-हेवी रणनीति अपनाई है। कुलदीप यादव को बाहर रखते हुए गेंदबाज़ी में संतुलन और बल्लेबाज़ी में गहराई को प्राथमिकता दी गई है।
ऑस्ट्रेलिया की युवा टीम: दो डेब्यू, अनुभव की कमी
ऑस्ट्रेलियाई टीम भी आज एक नए रूप में मैदान पर उतरी है। कई सीनियर खिलाड़ियों की अनुपस्थिति — पैट कमिंस, कैमरन ग्रीन, और एडम ज़म्पा की गैरमौजूदगी — टीम के लिए चुनौती साबित हो सकती है।
ऑस्ट्रेलिया की प्लेइंग XI:
मिचेल मार्श (कप्तान), ट्रैविस हेड, मैट शॉर्ट, जोश फिलिप (विकेटकीपर), मैट रेनशॉ, मिच ओवेन, कूपर कॉनॉली, मिचेल स्टार्क, मैथ्यू कुनेमन, नाथन एलिस, जोश हेज़लवुड
दो नए चेहरे — मिच ओवेन और मैट रेनशॉ — के साथ कंगारू टीम अपने घरेलू दर्शकों को प्रभावित करने की कोशिश करेगी।
मौसम और माहौल: बारिश की आशंका, लेकिन उम्मीद कायम
मैच से पहले बारिश ने थोड़ी चिंता जरूर बढ़ाई थी, लेकिन टॉस से ठीक पहले आसमान साफ हो गया। खिलाड़ी मैदान पर वॉर्मअप करते दिखे और विराट कोहली ने मैदान में उतरते ही ज़मीन को छूकर आशीर्वाद लिया।
विराट कोहली का बयान: आलोचकों पर पलटवार
मैच से पहले कोहली ने एडम गिलक्रिस्ट और रवि शास्त्री से बातचीत में कहा —
“पर्थ हमेशा से मेरा पसंदीदा मैदान रहा है। यहाँ की बाउंस और तेज़ी क्रिकेट को असली चुनौती देती है। आलोचना खेल का हिस्सा है, लेकिन सम्मान तब मिलता है जब आप पूरी शिद्दत से खेलते हैं।”
कोहली ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था और लंबे विश्राम के बाद मैदान पर लौटे हैं। यह सीरीज़ उनके लिए एक नई शुरुआत है।
⚡ केएल राहुल और श्रेयस अय्यर पर नज़र
केएल राहुल ने पिछले कुछ वर्षों में खुद को नंबर-5 स्लॉट पर साबित किया है। चाहे जल्दी विकेट गिरें या आख़िर में तेजी से रन चाहिए हों — राहुल ने हर परिस्थिति में टीम को स्थिरता दी है।
वहीं श्रेयस अय्यर अपने करियर के कठिन दौर से गुज़रने के बाद वापसी कर रहे हैं। उन्होंने 2023 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया था और अब फिर से खुद को साबित करने के लिए तैयार हैं।
फिटनेस में बदलाव: नया अवतार लेकर लौटे रोहित शर्मा
38 वर्षीय रोहित शर्मा इस सीरीज़ में एक बदले हुए रूप में दिखाई दे रहे हैं। फिटनेस पर गहराई से काम करते हुए उन्होंने 8 किलो वजन घटाया है। कप्तानी का दबाव अब उनके कंधों से उतर चुका है, और वही पुराना “हिटमैन” अंदाज़ लौटता दिख रहा है।
रणनीतिक सवाल: दो स्पिनर या एक?
पर्थ की उछालभरी पिच को देखते हुए भारत के पास दो रास्ते हैं —
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तीन तेज़ गेंदबाज़ों के साथ संतुलित संयोजन
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या फिर वॉशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल के साथ अतिरिक्त स्पिन विकल्प
कोच गंभीर इस फैसले को लेकर रणनीतिक दुविधा में हैं, क्योंकि मैदान की प्रकृति तेज़ गेंदबाज़ों के पक्ष में है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: 5 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज़
आखिरी बार भारत ने 2020 में ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज़ खेली थी, जब स्टीव स्मिथ की दो शतकों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती दो मैच जीते थे। लेकिन तीसरे मैच में हार्दिक पंड्या और रवींद्र जडेजा की साझेदारी ने भारत को शानदार जीत दिलाई थी।
अब 5 साल बाद, दोनों टीमें एक बार फिर आमने-सामने हैं — और इस बार दांव कहीं ज़्यादा ऊँचे हैं।
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया: यह सिर्फ मुकाबला नहीं, एक भावनात्मक टकराव
यह मुकाबला “रो-को” युग की परिभाषा बन चुका है —
“Ro-Ko, मत जाने दो” बनाम “Ro-Ko मत, जाने दो”।
विराट और रोहित — दोनों का भविष्य, दोनों का फॉर्म, और दोनों का समर्पण — सबकुछ इस सीरीज़ में परखा जाएगा।
पर्थ का इतिहास बताता है कि ऑस्ट्रेलिया ने यहाँ नए ऑप्टस स्टेडियम पर अभी तक कोई वनडे मैच नहीं जीता है। ऐसे में भारत के पास इतिहास रचने का मौका है।
निष्कर्ष: गौरव और भविष्य के बीच की जंग
अगर भारत आज जीतता है, तो यह केवल स्कोरलाइन की जीत नहीं होगी — बल्कि वह पल होगा जब भारतीय क्रिकेट ने अपनी अगली विरासत की नींव रखी होगी।
