✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार
वाशिंगटन, 9 जुलाई 2025 — अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इज़राइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के बीच गाज़ा संघर्ष को लेकर बीते 24 घंटों में दूसरी बार मुलाक़ात हुई। यह अनिर्धारित बैठक मंगलवार शाम व्हाइट हाउस में आयोजित हुई और यह करीब एक घंटे तक चली। विशेष बात यह रही कि इस बैठक को पूरी तरह गोपनीय रखा गया — मीडिया को कोई भी सीधी जानकारी नहीं दी गई और न ही बैठक के बाद कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया।इस गोपनीयता से यह सवाल उठ खड़े हुए हैं कि क्या युद्धविराम वार्ता में कोई गंभीर बाधा उत्पन्न हो गई है?
नेतन्याहू की तीसरी अमेरिकी यात्रा
नेतन्याहू का यह दौरा इस वर्ष ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के आरंभ (20 जनवरी 2025) के बाद तीसरा अमेरिकी दौरा है। इससे पहले सोमवार को दोनों नेताओं के बीच व्हाइट हाउस में एक डिनर मीटिंग हुई थी जो कई घंटों तक चली थी। माना जा रहा है कि इस दौरान भी गाज़ा मुद्दे पर गंभीर बातचीत हुई थी।
ट्रंप ने मंगलवार की बैठक से पहले स्पष्ट किया कि वे इस बातचीत में “लगभग पूरी तरह गाज़ा” पर ही चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा:
“हमें इसे हल करना ही होगा। गाज़ा एक त्रासदी बन चुका है, और नेतन्याहू भी इसका समाधान चाहते हैं, मैं भी चाहता हूँ और मेरा मानना है कि दूसरी ओर (हमास) भी यही चाहती है।”
गाज़ा में बढ़ता नरसंहार और युद्धविराम की जटिलताएँ
बैठक ऐसे समय हुई है जब इज़रायली हमलों में गाज़ा में कम से कम 95 फ़िलिस्तीनियों की मौत की पुष्टि हुई है। वहीं, अमेरिका के मध्य पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ़ ने संकेत दिया है कि इज़राइल और हमास के बीच युद्धविराम को लेकर सहमति बनने के करीब है।
इसके बावजूद, इस दूसरी गोपनीय बैठक से जुड़ी अस्पष्टता और किसी भी आधिकारिक जानकारी की अनुपस्थिति से संकेत मिलता है कि शायद कोई नया गतिरोध उत्पन्न हुआ है।
अल जज़ीरा के संवाददाता माइक हन्ना, जो वॉशिंगटन डीसी से रिपोर्टिंग कर रहे हैं, ने कहा:
“बैठक से अब तक बहुत कम जानकारी सामने आई है, जिससे वास्तविक स्थिति को समझना मुश्किल हो गया है। जिस तरह से इस बैठक को पूर्ण रूप से बंद दरवाज़ों के पीछे रखा गया, और कोई आधिकारिक ब्योरा साझा नहीं किया गया, यह दर्शाता है कि शायद कोई बड़ी रुकावट आ गई है जो बीते 24 घंटों की आशावादी उम्मीदों पर भारी पड़ रही है।”
संघर्षविराम की दिशा में अगला कदम?
यह बैठक एक ऐसे समय में हो रही है जब संयुक्त राष्ट्र, मानवाधिकार संगठनों और कई देशों ने गाज़ा में ईंधन, दवाओं और मानवीय सहायता की गंभीर कमी को लेकर चिंता व्यक्त की है। यूएन ने इसे “एक निर्णायक मोड़” बताया है और इज़रायली नाकेबंदी को समाप्त करने की अपील की है।
नेतन्याहू की अमेरिका यात्राओं से यह स्पष्ट है कि वे इस संघर्ष में अमेरिका का पूर्ण समर्थन चाहते हैं, लेकिन ट्रंप की ओर से यह भी संकेत मिला है कि वे इस युद्ध को जितनी जल्दी हो सुलझाना चाहते हैं।
निष्कर्ष:-
जहां एक ओर ट्रंप और नेतन्याहू के बीच गाज़ा युद्धविराम को लेकर चल रही कूटनीति से उम्मीदें बढ़ी हैं, वहीं दूसरी ओर मंगलवार की गोपनीय और संक्षिप्त बैठक ने अनिश्चितता को और गहरा कर दिया है। क्या यह मुलाकात वास्तव में शांति की दिशा में कदम थी, या किसी नई रणनीतिक उलझन की शुरुआत — इसका खुलासा आने वाले दिनों में ही होगा।
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