ललित मोदी की मुश्किलें बढ़ीं, वानुअतु सरकार का बड़ा झटका
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के संस्थापक ललित मोदी के लिए एक और बड़ा झटका आया है। वानुअतु सरकार ने उनके नागरिकता आवेदन की समीक्षा के बाद उनका पासपोर्ट रद्द करने का फैसला लिया है। यह फैसला तब लिया गया जब अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस बात का खुलासा हुआ कि मोदी ने प्रत्यर्पण से बचने के लिए इस छोटे से प्रशांत महासागरीय देश की नागरिकता ली थी।
प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश फेल! वानुअतु ने कहा- यह नागरिकता का वैध कारण नहीं
ललित मोदी भारत में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में वांछित हैं। उन्होंने हाल ही में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए आवेदन किया था। लेकिन वानुअतु के प्रधानमंत्री जोथम नापाट ने उनके पासपोर्ट को रद्द करने का निर्देश देते हुए कहा कि ‘कोई भी व्यक्ति प्रत्यर्पण से बचने के लिए नागरिकता प्राप्त नहीं कर सकता।’
इंटरपोल ने भारत की अपील खारिज की, अब वानुअतु ने भी झाड़ा पल्ला!
प्रधानमंत्री नापाट के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, ललित मोदी के नागरिकता आवेदन के दौरान सभी मानक जांच, जिनमें इंटरपोल स्क्रीनिंग भी शामिल थी, में उन्हें किसी भी आपराधिक दोषसिद्धि से मुक्त पाया गया था। लेकिन हाल ही में उन्हें लेकर आई नई जानकारियों के बाद पता चला कि इंटरपोल ने दो बार भारतीय अधिकारियों के अनुरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनके खिलाफ पर्याप्त कानूनी साक्ष्य नहीं हैं। यदि इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी किया होता, तो मोदी का नागरिकता आवेदन स्वतः खारिज हो जाता।
वानुअतु सरकार ने कहा- 'नागरिकता कोई अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है!'
प्रधानमंत्री नापाट ने स्पष्ट किया कि वानुअतु की नागरिकता केवल वैध कारणों से ही दी जाती है। उन्होंने कहा, ‘कोई भी व्यक्ति अगर केवल प्रत्यर्पण से बचने के लिए नागरिकता लेता है, तो यह स्वीकार्य नहीं है।’
सरकार का दावा है कि पिछले चार वर्षों में उनके ‘नागरिकता इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम’ में कड़े सुरक्षा मानक जोड़े गए हैं, जिससे अब आवेदकों को तीन स्तरीय सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता है, जिसमें इंटरपोल वेरिफिकेशन भी शामिल है।
भारतीय विदेश मंत्रालय भी सतर्क, मोदी का पासपोर्ट सरेंडर आवेदन जांच के घेरे में!
इस बीच, भारतीय विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट सरेंडर करने का आवेदन दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘यह आवेदन मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार जांचा जाएगा। हमें यह भी जानकारी मिली है कि उन्होंने वानुअतु की नागरिकता ले ली है। हम कानून के तहत उनके खिलाफ मामला आगे बढ़ाते रहेंगे।’
2010 में भारत छोड़ा, IPL घोटाले का आरोप, अब दुनिया में भटक रहे ललित मोदी!
गौरतलब है कि ललित मोदी ने 2010 में भारत छोड़ दिया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने IPL कमिश्नर रहते हुए करोड़ों रुपये के गबन में संलिप्तता दिखाई थी। भारत सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ED) लंबे समय से उनके प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है। अब वानुअतु द्वारा उनका पासपोर्ट रद्द करने से उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।